ब्रेकिंग
1000 करोड़ के मालिक एमएस धोनी ने IPL से कितना पैसा कमाया? क्रिकेट के अलावा करते हैं ये बिजनेस आतंकी हाफिज-मसूद के समर्थन में खुलकर आई इमरान खान की पार्टी PTI, बिलावल को बताया बच्चा भारत-अमेरिका ट्रेड डील से लेकर कंपनियों के रिजल्ट तक, इन फैक्टर्स का दिखेगा मार्केट पर असर! ऑनलाइन Google की थीम कैसे बदलें, क्या है इसका प्रोसेस सावन में भोलेनाथ की कृपा पाना चाहते हैं? तो घर से बाहर कर दें ये चीजें! मानसून में दिखेंगी स्टाइलिश, आरामदायक रहेगा लुक…बस ये 5 बातें रखें ध्यान न्यू इंडिया बैंक घोटाला: वांटेड आरोपी पवन जायसवाल लखनऊ से गिरफ्तार, चौंकाने वाले खुलासे भतीजे को देखकर आपे से बाहर हुई चाची, चाकू उठाकर कई बार घोंपा… दहला देगा ये हत्याकांड जेपी नड्डा ने दिल्ली-हरियाणा में किया कार्यालयों का उद्घाटन, BJP को बताया वट वृक्ष दिल्ली-NCR में मौसम ने ली करवट, झमाझम बारिश ने दी उमस से राहत, सुबह-सुबह छाया घना अंधेरा
देश

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को दिए निर्देश, लोन पर ब्याज को लेकर अपने फैसले को लागू करना करे सुनिश्चित

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सरकार को निर्देश दिया कि वह कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर दो करोड़ रुपये तक के लोन की आठ निर्दिष्ट श्रेणियों पर ब्याज माफी के अपने फैसले को लागू करने के लिए सभी कदम उठाना सुनिश्चित करे। जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी ने केवल लोगों के स्वास्थ्य के लिए ही गंभीर खतरा पैदा नहीं किया है, बल्कि भारत सहित दुनिया के दूसरे देशों की आर्थिक वृद्धि को भी खतरे में डाला है।

लोन्स की आठ श्रेणियों में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम), शिक्षा, हाउसिंग, कंज्यूमर ड्यूरेबल, क्रेडिट कार्ड, ऑटोमोबाइल, पर्सनल और खपत शामिल हैं।

बेंच ने कहा, “इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की शक्तियों का प्रयोग करते हुए भारत सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन के कारण निजी क्षेत्र के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्र के अधिकांश व्यवसाय बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।”

बेंच ने आगे कहा, “कई महीनों तक बड़ी संख्या में उद्योगों को कार्य करने और अपनी गतिविधियों को चलाने की अनुमति नहीं थी। केवल आवश्यक समझे जाने वाले कुछ उद्योगों को ही परिचालन की छूट दी गई थी।” इस पीठ में आरएस रेड्डी और एमआर शाह भी शामिल थे।

उन्होंने आगे कहा, ‘हालांकि, धीरे-धीरे, अनलॉक -1, 2 और 3 के कारण उद्योगों और अन्य व्यावसायिक गतिविधियों को बहाल कर दिया गया है और देश की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर आ रही है।’

वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक आफ इंडिया पहले ही सुप्रीम कोर्ट को हलफनामा दाखिल कर बता चुके हैं कि सरकार ने मोरेटोरियम अवधि का ब्याज पर ब्याज न वसूले जाने की योजना तैयार की है और 2 करोड़ तक कर्ज लेने वालों से मोरेटोरियम अवधि का ब्याज पर ब्याज नहीं लिया जाएगा। यह भी बताया था कि 2 करोड़ तक के कर्ज पर चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के बीच का वसूला गया अंतर कर्जदारों के खातों में वापस कर दिया गया है।

Related Articles

Back to top button