पटना । पूर्वोत्तर के 3 राज्य नागालैंड, त्रिपुरा और मेघालय के चुनावी नतीजे आ जा रहे हैं। त्रिपुरा और नागालैंड में भाजपा गठबंधन सरकार बनाती हुई दिख रही है। वहीं, मेघालय में त्रिशंकु विधानसभा नजर आ रहे हैं। हालांकि, बिहार की दो पार्टियां लोजपा (रामविलास) और जदयू ने नागालैंड में अपने उम्मीदवार उतारे थे। चुनाव आयोग के मुताबिक नागालैंड में चिराग पासवान की पार्टी लोजपा रामविलास 3 सीटों पर लीड करती हुए दिखाई दे रही है। वहीं, जदयू ने 5 सीटें जीतने का दावा किया था। लेकिन पार्टी को फिलहाल 1 सीटों पर लीड हासिल है। आरजेडी ने भी नागालैंड में अपने उम्मीदवार उतारे थे। लेकिन राजद को सफलता मिलती दिखाई नहीं दे रही है।
नागालैंड में लोजपा (रामविलास) पार्टी का प्रभावशाली प्रदर्शन दिख रहा है। चुनाव आयोग के मुताबिक 8.77 प्रतिशत वोट लोजपा को मिलते दिख रहे है। जबकि जदयू 3.21 प्रतिशत वोट हासिल कर पाने में कामयाब हुई है। नीतीश की पार्टी ने नागालैंड में 2018 में 13 सीटों पर चुनाव लड़ा था। लेकिन एक सीट पर जीतने में कामयाब रही थी। इसके में अगर इस बार 1 सीट से ज्यादा जदयू को नहीं मिलता है, तब कहीं ना कहीं नीतीश के 2024 अभियान को लेकर बड़ा झटका माना जा सकता है। हालांकि, चिराग पासवान की पार्टी ने नागालैंड में खुद को स्थापित करने की कोशिश की है। नागालैंड में सबसे बड़ा नुकसान कांग्रेस को हुआ है। कांग्रेस 0 सीटों पर सिमटती हुई दिखाई दे रही है।
नागालैंड में गठबंधन को बढ़त के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं में जबरदस्त जीत है। भाजपा के केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि हमने नागालैंड में गठबंधन धर्म का पालन किया है। अगर हम चाहते, तब वहां अकेले चुनाव लड़ कर भी जीत सकते थे। पूर्वोत्तर के चुनावी नतीजों को लेकर भाजपा ने साफ तौर पर कहा है कि यह मोदी की ईस्ट नीति का परिणाम है। रिजिजू ने दावा किया कि नरेंद्र मोदी के आने के बाद से पूर्वोत्तर में शांति स्थापित हुई है।