चिदंबरम के समर्थन में आई प्रियंका गांधी, बोलीं-चाहे कोई भी परिणाम हो, हम उनके साथ खड़े हैं

नई दिल्लीः कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम के खिलाफ कारर्वाई को बदले की भावना से प्रेरित बताया है। कांग्रेस सचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि चिदंबरम को इस तरह परेशान करना शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि हम चिदंबरम के साथ खड़े हैं और सच्चाई के लिए लड़ते रहेंगे, फिर चाहे परिणाम कोई भी हो। प्रियंका ने कहा कि कांग्रेस सच की लड़ाई लड़ती रहेगी और पार्टी चिदंबरम के साथ है। प्रियंका ने कहा कि राज्यसभा के एक अत्यंत योग्य और सम्मानित सदस्य चिदंबरम ने वित्त मंत्री और गृह मंत्री के रूप में दशकों तक निष्ठा के साथ हमारे देश की सेवा की और वे सरकार की विफलताओं को उजागर करते रहे हैं लेकिन कायरों को सच्चाई पसंद नहीं है, इसलिए उन्हें शर्मनाक तरीके से टारगेट किया जा रहा है।
वहीं इससे पहले कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मंगलवार को ट्वीट कर इस मामले में केन्द्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह चिदम्बरम के खिलाफ बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है। सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि भारत में मोदी सरकार द्वारा बदले की भावना से सबसे वीभत्स कारर्वाई की जा रही है क्योंकि भाजपा एक पुलिस राज्य चलाती है। न्यायाधीश सात महीने के लिए फैसला सुरक्षित रखता है और सेवानिवृत्ति से 72 घंटे पहले इसे जारी करता है। सीबीआई और ईडी का एक पूर्व सम्मानित वित्त मंत्री के घर छापे मारना डरावना है।
उल्लेखनीय है कि चिदम्बरम को मंगलवार को दिल्ली हाईकोर्ट से उस समय बड़ा झटका लगा जब धन शोधन और भ्रष्टाचार से जुड़े आईएनएक्स मीडिया मामले में उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी गई। न्यायाधीश सुनील गौर ने 25 जनवरी को इस मामले में सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
याचिका खारिज होने के बाद उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। जिसके बाद उन्होंने आनन-फानन में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया लेकिन अदालत उठ जाने के कारण उनके मामले का विशेष उल्लेख नहीं हो सका। चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने शीर्ष अदालत से मामले पर त्वरित सुनवाई का आग्रह किया था, लेकिन अदालत के उठ जाने के कारण अब याचिका का विशेष उल्लेख बुधवार को साढ़े दस बजे अदालत कक्ष-तीन में किया जाना है।
इस मामले पर सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) दोनों ही जांच एजेंसियों ने चिदम्बरम की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री जांच में सहयोग करने से बच रहे हैं। इसलिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ करना अनिवार्य है। चिदम्बरम साढ़े तीन हजार करोड़ रुपए के एयरसेल मैक्सिस सौदे और आईएनएक्स मीडिया के तीन सौ पांच करोड़ रुपए संबंधी मामले में विभिन्न जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं। यह सौदे उस समय के हैं जब वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार में वित्त मंत्री थे और विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड(एफआईपीबी) के तहत इन्हें मंजूरी दी थी।