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मुसिबत में पड़ सकते हैं फारूक अब्दुल्ला, देश के खिलाफ बयानबाजी पड़ सकती है भारी

श्रीनगर : नैशनल कान्फ्रेंस के प्रधान डा फारूक अब्दुल्ला आजादी के समर्थक हैं और अब उनका यह समर्थन उन्हें भारी पड़ सकता है। उनके भाषणों पर अब कोर्ट फैसला ले सकता है। हाईकोर्ट के न्यायाधीश धीरज सिंह ठाकुर की अदालत ने आदेश दिया है कि अब्दुल्ला के आजादी समर्थक भाषणों पर एफआईआर दर्ज की याचिका की पेपर कटिंग और बयानों की एक डिस्क तैयार करके कोर्ट में जमा करवाई जाए। अब्दुल्ला के खिलाफ सोशल वर्कर सुकेश खजूरिया ने एफआईआर दर्ज करने के लिए कोर्ट में याचिका दर्ज की है।
फारूक अब्दुल्ला के खिलाफ आरोप है कि उन्होंने 24 फरवरी 2017 को कथित तौर पर आजादी के समर्थन में भाषण दिया था। इस मामले में एसएसपी श्रीनगर और एसएचओ ने प्रारंभिक जांच की रिपोर्ट जमा करवाई थी।