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मध्यप्रदेश

प्रदेश के स्कूलों का मेकऑवर, स्कूलों की बदलेगी तस्वीर

एजुकेशन फॉर ऑल से इन्नोवेशन, प्रशासनिक दक्षता, छात्रों का समग्र विकास, स्कूल की छवि निर्माण, समाज से जुड़ाव पर रहेगा फोकस

भोपाल । मध्य प्रदेश के एजुकेशन फॉर ऑल स्कूल नवाचार की पाठशाला बनते जा रहे हैं। इनमें चल रहे प्रयोग एक तरफ छात्रों का भविष्य गढ़ रहे हैं, तो शिक्षकों को प्रतिस्पर्धी माहौल के लिए तैयार कर रहे हैं। ऐसा ही एक प्रोजेक्ट है- स्कूल मेकओवर। इसके माध्यम से 52 जिलों के 53 स्कूलों की तस्वीर बदलने की कवायद जारी है, जिनमें पांच बिन्दु आधारित सुधार पर खास ध्यान दिया जा रहा है। इनमें स्कूल में प्रशासनिक दक्षता, छात्र-छात्राओं का समग्र विकास, वातावरण व सुरक्षा, स्कूल की छवि निर्माण और समाज से जुड़ाव शामिल है। पिछले एक साल से जारी प्रयास, अब साकार होने लगे हैं। हर स्कूल अपने स्तर पर बेहतर के लिए जुटा हुआ है।

शिक्षकों के वीडियो यू-ट्यूब पर हिट
दमोह के शासकीय जेपीबी कन्या हायर सेकंडरी स्कूल में केजी-1 से 12वीं तक 1900 छात्राएं पढ़ रही हैं। यहां पर प्रशासनिक दक्षता और छात्राओं के समग्र विकास को लेकर बेहतर कार्य हुए हैं। प्राचार्य का कार्यालय आम सरकारी ढर्रे वाले दफ्तर से उबर कर आधुनिक और एक टिप पर जानकारी उपलब्ध वाले मोड पर चला गया है। छात्राओं को खेल-कूद में प्रशिक्षित किया जा रहा है। यही वजह है कि हाल ही में हैंडबॉल की राष्ट्रीय स्पर्धा में दो छात्राएं गई थीं, वहीं एक छात्रा का चयन ग्वालियर हॉकी राष्ट्रीय अकादमी में हुआ है। स्मार्ट क्लास बनाईं, जिसमें छात्राओं को ऑनलाइन उपलब्ध वीडियो और सामग्री से पढ़ाया जाता है। शिक्षक पॉवर प्वॉइंट प्रजेंटेशन के आधार पर लेक्चर तैयार करने में लगे हैं। ऐसे ही कुछ वीडियो यू-ट्यूब पर भी डाले हैं, जो लोकप्रिय हो रहे हैं। प्राचार्य डीके मिश्रा की कोशिश है कि शिक्षक अब विषयवार लेक्चर तैयार करें और उनसे छात्रों को पढ़ाएं। उत्कृष्टता के लिए साइंस के विषयों की लैब के साथ व्यावसायिक विषयों ब्यूटी वेलनेस और हेल्थ की लैब भी चाहिए। कुछ कक्ष बनने हैं, उनके बाद और संख्या में छात्राओं को एडमिशन मिलेगा। प्राचार्य डीके मिश्रा की कोशिश है कि शिक्षक अब विषयवार लेक्चर तैयार करें और उनसे छात्रों को पढ़ाएं। उत्कृष्टता के लिए साइंस के विषयों की लैब के साथ व्यावसायिक विषयों ब्यूटी वेलनेस और हेल्थ की लैब भी चाहिए। कुछ कक्ष बनने हैं, उनके बाद और संख्या में छात्राओं को एडमिशन मिलेगा।

प्राइवेट स्कूलों से सरकारी में करवाया एडमिशन
जबलपुर का शासकीय एमएलबी कन्या हायर सेकण्डरी स्कूल में कभी पुराने ढर्रे पर चलता था। नवाचार के बाद कोरोना काल में पठन-पाठन बाधित होने पर भी स्कूल में माइक्रोसॉफ्ट टीम ऐप का प्रशिक्षण दिलाया गया। शिक्षकों व छात्रों को यूजर आईडी और पासवर्ड मिले। आधुनिक क्लासरूम भी बनाया, फिर भी ऑनलाइन पढ़ाई का एक सिस्टम बन गया। प्राचार्य प्रभा मिश्रा के अनुसार कन्या हायर सेकंडरी स्कूल में 12 से 17 किलोमीटर तक से छात्राएं पढऩे आती हैं। उससे भी दूर से आना चाहती हैं। ऐसे में बस सेवा शुरू करना चाहते हैं। इसी तरह से शिक्षकों की कमी को दूर किया जाए। म्यूजिक शिक्षक का तबादला हो गया, उनकी जगह भी किसी को भेजा जाए।

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