ब्रेकिंग
ट्रेन से उतारा, भाई और मां के सामने प्रेमिका की मांग में भर दिया सिंदूर; भागलपुर स्टेशन पर मचा बवाल कर्नाटक में जनेऊ विवाद पर क्यों छिड़ा बवाल, जानिए पूरा मामला जम्मू-कश्मीर में बाढ़ और भूस्खलन से तबाही; रामबन में 3 की मौत, स्कूल-कॉलेज कल रहेंगे बंद दंगों से निपटने में माहिर, लेकिन घर में हार गए पूर्व DGP; IPS ओमप्रकाश की हत्या में क्यों पत्नी पर ग... टेक ऑफ करते समय डगमगाया CM योगी का हेलीकॉप्टर, मचा हड़कंप; ऐसे टला बड़ा हादसा पंजाब में सरेआम गुंडागर्दी, दुकान पर आए नकाबपोश हमलावरों ने खेली खूनी जंग, घटना CCTV में कैद लूट के मामले में पुलिस को मिली कामबायी, गन प्वाइंट पर लूट करने वाले 2 लुटेरे गिरफ्तार नशे का दलदल बना शहर का यह इलाका, चिट्टा पी रही युवती गिरफ्तार जालंधर के Chunmun Chowk में क्रूरता की सारी हदें पार, तमाशबीन बनी रही भीड़, Video में देखें खौफनाक म... पंजाब में 29 April को बंद रहेंगे Schools & Colleges सहित ये संस्थान, पढ़ें खबर
देश

बौद्ध भिक्षु का दावाः तमिलनाडु के संगठन ने उकसाए श्रीलंका के आत्मघाती हमलावर

कोलंबोः श्रीलंका के एक बौद्ध भिक्षु ने दावा किया कि तमिलनाडु स्थित एक इस्लामिक संगठन ने स्थानीय इस्लामिक चरमपंथी समूह एनटीजे को ईस्टर पर देश का सबसे भयानक आतंकी हमला करने के लिए उकसाया था। बौद्ध भिक्षु को विवादास्पद तरीके से जेल से रिहा कर दिया गया था। इससे पहले इस महीने श्रीलंका के सेना प्रमुख ने कहा कि कुछ आत्मघाती हमलावर ‘‘प्रशिक्षण” लेने या अन्य विदेशी संगठनों से ‘‘कुछ और संपर्क बनाने” के लिए कश्मीर और केरल गए थे।

बता दें कि  9 आत्मघाती हमलावरों ने 21 अप्रैल को तीन गिरजाघरों और कई लग्जरी होटलों में हमले किए जिनमें करीब 359 लोगों की मौत हो गई और 500 अन्य घायल हो गए थे। कट्टरपंथी बौद्ध भिक्षु गालगोडाट्टे ग्नानसारा ने शुक्रवार को पत्रकारों से कहा कि तमिलनाडु तौहीद जमात (टीएनटीजे) के दो लोग अयूब और अब्दीन श्रीलंका आए थे।

ग्नानसारा ने कहा, ‘‘उन्होंने यहां अब्दुल रजिक से मुलाकात की। इसका मकसद मुसलमानों पर हमला करने के लिए बौद्धों को उकसाना था। उन्होंने बुद्ध की अपमानजनक कहानियां फैलाई।” राष्ट्रपति मैत्रीपाल सिरिसेना ने अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए कट्टरपंथी बौद्ध भिक्षु की रिहाई के आदेश दिए थे। धार्मिक अल्पसंख्यकों और अधिकार समूहों ने इस फैसले की काफी आलोचना की थी। रिहाई के बाद बौद्ध भिक्षु पहली बार मीडिया के सामने आए।

उन्हें गत वर्ष अगस्त में अदालत की अवमानना के लिए छह साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। सिरिसेना की माफी के कारण जेल में नौ महीने की सजा काटने के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। ग्नानसारा ने कहा, ‘‘टीएनटीजे ने श्रीलंका तौहीद जमात (एसएलटीजे) बनाई और बाद में ऑल सिलोन तौहीद जमात बनाई। एसएलटीजे बाद में नौ अलगाववादी नेताओं में बंट गया।”

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button