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आरे पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश- अब नहीं काटे जाएंगे और पेड़, बंद हो कटाई

नई दिल्लीः मुंबई के आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार को आदेश देते हुए तत्काल पेड़ों की कटाई रोकने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अब पेड़ों की कटाई और नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों की कटाई पर रोक लगा दी है। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता महाराष्ट्र सरकार की ओर से जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण की स्पेशल बेंच के सामने पेश हुए।

मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई के विरोध में दायर याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। उच्चतम न्यायालय ने लॉ स्टूडेंट्स की ओर से पेड़ों को काटने के विरोध में लिखे पत्र को जनहित याचिका मानते हुए सुनवाई के लिए स्वीकार करते हुए रविवार को स्पेशल बेंच का गठन भी कर दिया था। मेट्रो शेड के लिए आरे कॉलोनी के पेड़ों की कटाई का विरोध सामाजिक और पर्यावरण कार्यकर्ता के साथ कई जानी-मानी हस्तियां कर रही हैं।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब पूर्व नियोजित 1,200 पेड़ों की कटाई रुक गई है। सरकार वहां 1,200 पेड़ पहले ही काट चुकी है। आरे में मेट्रो शेड बनाने के लिए कुल 2,700 पेड़ काटने की योजना है। बहरहाल, सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को ऋषभ रंजन नाम के लॉ स्टूडेंट के लिखे लेटर को जनहित याचिका मानते हुए सुनवाई का फैसला किया था। कोर्ट ने रविवार को ही स्पेशल बेंच का गठन भी कर दिया था। आज स्पेशल बेंच के जज जस्टिस मिश्रा ने अथॉरिटी से कहा कि अभी कोई पेड़ न काटे जाएं। बेंच ने आरे जंगल में यथास्थिति बहाल की।

हालांकि, जस्टिस अरुण मिश्रा ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा, ‘हम जो समझ रहे हैं, उसके मुताबिक आरे इलाका नॉन डिवेलोपमेंट एरिया है लेकिन इको सेंसटिव इलाका नहीं है।’ सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता महाराष्ट्र सरकार की ओर से जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण की स्पेशल बेंच के सामने पेश हुए। उन्होंने बेंच को बताया कि जरूरत के पेड़ काटे जा चुके हैं।

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