घर के लिए सब्जी और किराना लेने खुद ही जाते हैं। जरूरत की चीजों की लिस्ट बनाई और बाजार से ले आए। गाड़ी चलाना आती तो थी लेकिन चलाने का कोई शौक नहीं है, इसलिए ड्राइविंग से तौबा ही करते हैं। स्वाद-खानपान का जिक्र हो तो मीठे में खीर अतिप्रिय है लेकिन घर में रोज गाय का दूध पीते हैं। इसके बाद गुलाब जामुन और रबड़ी भी मन को भाती है।
इंटरनेट मीडिया पर अपडेट देखने को समय मिल जाता है तो फेसबुक और इंस्टाग्राम चला लेते हैं। ऐसे हैं प्रदेश के सामाजिक न्याय और उद्यानिकी विभाग मंत्री नारायण सिंह कुशवाह। एक रोचक बात यह कि देशभक्ति की फिल्मों को छोड़ दिया जाए, तो नारायण सिंह ऐसे शख्स हैं जो 1980 के बाद से टाकीज में जाकर फिल्म नहीं देखी। इसी तरह की कई अहम बातें मंत्री नारायण सिंह कुशवाह के बारे में आज जानिये..।
कौन हैं नारायण सिंहः जानिये
नारायण सिंह का जन्म नौ जून 1956 को ग्वालियर में ही हुआ। ये तीन भाई थे जिनमें सबसे बड़े नारायण सिंह हैं और दो छोटे भाई अब नहीं हैं। नारायण सिंह 1977 में ग्राम पंचायत के माध्यम से राजनीति में आए। इसके बाद राजनीतिक सफर चला और मंत्री पद तक पहुंचे। वे 2003 में पहली बार विधायक बने। परिवार में नारायण सिंह की पत्नी धनवंती देवी और बेटा कृष्णपाल सिंह कुशवाह है। परिवार में सब्जी का व्यवसाय व कृषि कार्य होता है। बेटा कारोबार नारायण सिंह संभालता है।
खानपान में क्या है पसंद
यूं तो नारायण सिंह सीधे साधे इंसान है, यही कारण है कि उन्हें सादा भोजन ही सबसे ज्यादा पसंद है। नारायण सिंह बताते हैं कि उन्हें रोजाना सीजनल सब्जियां पसंद हैं वे ऐसी कोई मांग घर में नहीं करते हैं। उन्हें बाहर का होटल या ढाबे का खाना पसंद नहीं आता है। बेड़ई, कचौड़ी कभी कभार मन कर जाए तो खा लेते हैं। इसके अलावा शहर के नामी गिरामी प्रतिष्ठान जैसे एस०स कचौरी वाला, भोलेनाथ मिष्ठान, श्रीराम मिष्ठान इनके यहां से कुछ आइटम कभी-कभी मंगवा लेते हैं। गाय पालने का शौक भी है और रोज एक गिलास गाय का दूध जरूर नारायण सिंह पीते हैं
पहनावा क्या है पसंद, बोले-तोहफे मिलते हैं
नारायण सिंह का बड़े स्पष्ट तौर पर कहना है कि वे अपने लिए 25 प्रतिशत ही कपड़े खरीदते हैं और शेष 75 प्रतिशत कपड़े उन्हें उनके लोग तोहफे में देते हैं। इतने कपडे तोहफे में मिल जाते हैं कि कभी-भी पूरे पहन भी नहीं पाते हैं। नारायण सिंह को पैंट-शर्ट पहनने का भी शौक है, अधिकतर तो कुर्ता पायजामा ही पहनते हैं, लेकिन साल में एक दो बार फुर्सत के पलों में पैंट शर्ट भी पहनते हैं।
पार्टियों में नही जाते नारायण सिंह
आज के दौर में पार्टियों में कौन नहीं जाता होगा, क्या आप जाते हैं। इस सवाल पर नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि वे बाहर का खाना नहीं खाते हैं इसलिए पार्टी आदि में नहीं जाते हैं। जिन सामाजिक आयोजनों शादी, कार्यक्रम आदि में जाना जरूरी होता है वहां उपस्थिति दर्ज कराते हैं। जहां जाना जरूरी होता है और वे मौजूद नहीं हो पाते तो बेटे को भेजते हैं।
संदेश
मन परेशान तो क्या करते हैं
नारायण सिंह कुशवाह बताते हैं कि मन परेशान होता है तो वे अपने इष्ट देव को याद करते हैं, स्मरण करते हैं। एकांत में जाकर ऐसा करना नारायण सिंह पसंद करते है। युवाओं के लिए नारायण सिंह संदेश देते हैं कि युवा मेहनत करें। और अपनी दिनचर्या सुबह मार्निंग वाक व व्यायाम से लेकर सभी चीजें नियमित करें।