ब्रेकिंग
अयोध्या राम मंदिर के लिए तैयार ध्वज क्यों भेजे गए वापस? सामने आई चौंकाने वाली वजह, क्या है ध्वज वापस... बिहार में मंत्रालयों की खींचतान! अमित शाह के साथ नीतीश के दो भरोसेमंद नेताओं की 3 घंटे लंबी बैठक, क्... अल-फलाह के डॉक्टर कैसे बने जैश के ब्लास्ट इंजीनियर? दिल्ली ब्लास्ट से जुड़े हर किरदार का सामने आया क... दिल्ली धमाका केस: 7 दिन की पूछताछ के बाद हापुड़ के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर फारुख रिहा, पुलिस ने दी... 'सिविलाइजेशन ट्रेमर'! बुजुर्गों की देखभाल पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत ने जताई चिंता, कहा- य... दिल्ली ब्लास्ट केस में नया खुलासा! शाहीन ने 25 सितंबर को खरीदी थी नई कार, डॉक्टर मुजम्मिल के साथ साम... राजवीर जवंदा की आखिरी फिल्म का ट्रेलर लॉन्च, भावुक हुए मनकीरत औलख पंजाब के इस गांव के गंभीर बने हालात! मुसीबत झेल रहे लोगों की प्रशासन को बड़ी चेतावनी Gold खरीदने वालों के लिए राहत, जानें 18 नवंबर को अपने शहर का नया भाव पंजाब को मिली बड़ी सौगात: दिल्ली–कटरा एक्सप्रेसवे से जुड़ेगा नकोदर हाईवे, 75 KM सफर कम
देश

कश्मीर में अब तक 101 आतंकी ढ़ेर, नई भर्तियों ने बढ़ाई सरकार की चिंता

श्रीनगर: इस साल के पहले पांच महीने में कश्मीर में 23 विदेशी समेत 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं, लेकिन सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बड़ी संख्या में आतंकवादियों की भर्ती को लेकर है। अधिकारियों ने रविवार को कहा कि मार्च महीने से 50 युवक अनेक आतंकी संगठनों में शामिल हो चुके हैं और सुरक्षा एजेंसियों को उन तक जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति रोकने का बेहतर तरीका खोजना होगा। अधिकारियों ने कहा कि 2019 में 31 मई तक 101 आतंकी मारे गए जिनमें 23 विदेशी और 78 स्थानीय आतंकी शामिल हैं। इनमें अल-कायदा से जुड़े समूह अंसार घजवत-उल-हिंद का प्रमुख जाकिर मूसा जैसे शीर्ष कमांडर शामिल हैं। हालांकि अधिकारियों के मुताबिक हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकियों के अंसार घजवत-उल-हिंद में शामिल होने के मामले बढ़ गए हैं।

23 मई को मूसा के मारे जाने के बाद खासतौर पर ये मामले देखे गए हैं। आतंकवाद से मुकाबला करने या इसके लिए रणनीति बनाने में शामिल अधिकारियों का मानना है कि आतंकवाद निरोधक नीति पर पुनर्विचार की जरूरत है। इसके अलावा युवाओं को आतंकवाद की बुराइयां समझाने के लिए उनके तथा उनके माता-पिता के साथ बात करने की जरूरत है। मारे गए आतंकवादियों में सर्वाधिक संख्या शोपियां से है जहां 16 स्थानीय आतंकियों समेत 25 आतंकवादी मारे गए।

पुलवामा में 15, अवंतीपुरा में 14 और कुलगाम में 12 आतंकी मारे गए। हालांकि दक्षिण कश्मीर के इन अति संवेदनशील क्षेत्रों से युवाओं के विभिन्न आतंकी समूहों में शामिल होने का सिलसिला भी जारी है। अधिकारियों ने कहा कि घुसपैठ भी बढ़ रही है और कुछ आतंकी जम्मू क्षेत्र के पुंछ और राजौरी जिलों तथा कश्मीर घाटी में एलओसी (नियंत्रण रेखा) से आतंकी घुसपैठ में सफल रहे। इससे सुरक्षा बलों के लिए बहुत चिंताजनक स्थिति पैदा हो गई है जो खुद को इस महीने के आखिर में शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के लिए तैयार कर रहे हैं।

घाटी में 2010-2013 की तुलना में 2014 से युवाओं के हथियार उठाने के मामले बढ़े हैं। पुलवामा में 14 फरवरी के आतंकी हमले के बाद अधिकारियों को लगता है कि आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ के बाद इन स्थानों पर स्थानीय लोगों के प्रदर्शन तथा पथराव देखे गए। आतंकियों को सुपुर्दे खाक करते समय भी बड़ी संख्या में लोग जमा हुए। पूरे घटनाक्रम से ऐसा माहौल बन सकता है जो नये आतंकियों की भर्ती के लिए मुफीद बन जाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button