ब्रेकिंग
वास्तु शास्त्र: भूलकर भी घर की छत पर न रखें ये 5 चीजें, हो सकते हैं कंगाल, तुरंत हटा दें। प्रदूषण से खुद को बचाएं! हवा का जहर न बिगाड़े आपका हाल, डेली रूटीन में शामिल करें ये 5 जरूरी आदतें गाजियाबाद में विकास की रफ्तार तेज! तीन सड़कों का होगा चौड़ीकरण, 40 मार्गों की मरम्मत से सुधरेगी ट्रै... छठ 2025: इन जिलों में बारिश बिगाड़ सकती है पूजा का रंग, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेटरों से छेड़छाड़ का मामला: इंदौर का लिस्टेड बदमाश है अकील, हैरान कर देगा ... जादू-टोना के शक में हैवानियत की हद पार! दो युवकों को रस्सियों से बांधकर पेड़ पर लटकाया और बेरहमी से ... झारखंड में दिल दहलाने वाली वारदात! रात को मेला देख लौट रही 11 साल की बच्ची से गैंगरेप, 4 दरिंदे गिरफ... यमुना में फिसले BJP विधायक रवि नेगी! AAP नेता सौरभ भारद्वाज का तंज- 'मां यमुना बहुत नाराज हैं बिहार में NDA का चौंकाने वाला दाँव! इस सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन, आखिर क्यों लिया यह बड़ा ... दिल्ली-NCR का मौसम बदलेगा! पश्चिमी विक्षोभ का असर शुरू, 27-28 अक्टूबर को कई इलाकों में हो सकती है बा...
देश

भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश…. मणिपुर पुलिस ने आदिवासी नेता के खिलाफ दर्ज की FIR

मणिपुर पुलिस ने भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने की साजिश रचने के आरोप में एक आदिवासी संगठन के वरिष्ठ नेता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस के अनुसार इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) के महासचिव मुआं टोम्बिंग के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। टोम्बिंग ने हाल ही में कहा था कि कुकी समुदाय का अलग मुख्यमंत्री और अधिकारी होंगे, चाहे केंद्र सरकार उन्हें मान्यता दे या नहीं दे।

टोम्बिंग ने यह भी कहा था कि पिछले एक महीने से योजना बनाई जा रही है कि तेंगनोउपल, कांगपोकपी और चुराचांदपुर जिलों में कुकी समुदाय के लोगों द्वारा ही शासन किया जाएगा। टोम्बिंग के खिलाफ चुराचांदपुर थाना प्रभारी एन. थांगजमुआन ने शिकायत दर्ज की थी। मणिपुर सरकार ने आईटीएलएफ द्वारा स्वशासन के आह्वान की निंदा की और इस घोषणा को गैर कानूनी व असंवैधानिक करार दिया। शिक्षा मंत्री टी. एच. बसंतकुमार सिंह ने कहा, ”यह गैर-जिम्मेदाराना बयान राज्य में कानून- व्यवस्था बिगाड़ने के उद्देश्य से दिया गया प्रतीत होता है।”

अभी तक 160 से अधिक लोगों की मौत 
मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। राज्य की आबादी में मेइती समुदाय की हिस्सेदारी लगभग 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं। वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और उनमें से ज्यादातर पर्वतीय जिलों में रहते हैं।

Related Articles

Back to top button