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मोदी सरकार की बड़ी कामयाबी: भारत को गोपनीय डिफैंस टैक्नोलॉजी देगा अमरीका

नई दिल्ली: भारत और अमरीका महत्वपूर्ण गोपनीय सैन्य प्रौद्योगिकी सांझा करेंगे। इस दिशा में रूपरेखा पर दोनों देश काम रहे हैं ताकि अमरीकी रक्षा कंपनियां संयुक्त उपक्रम के तहत भारतीय निजी क्षेत्र को ये प्रौद्योगिकी हस्तांतरित कर सकें। यह जानकारी ऑटोमोबाइल क्षेत्र के सूत्रों ने दी। इसे मोदी सरकार की बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है। रूपरेखा में विशिष्ट उपायों का जिक्र होगा ताकि भारतीय कंपनियों के साथ सांझा की गई संवेदनशील प्रौद्योगिकी और गोपनीय सूचनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सरकारों के बीच रूपरेखा से जवाबदेही, बौद्धिक संपदा अधिकार और औद्योगिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर स्पष्टता आएगी।

अमरीकी रक्षा उद्योग निजी क्षेत्र की भारतीय रक्षा कंपनियों के साथ सैन्य हार्डवेयर एवं प्लेटफॉर्म के लिए इस तरह के समझौते की रूपरेखा चाहता है। अमरीका की कंपनियों ने भारतीय कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम में कुछ महत्वपूर्ण सैन्य प्लेटफॉर्म का भारत में ही निर्माण करने की पेशकश की है। लॉकहीड माॢटन ने पिछले महीने भारत को नवीनतम लड़ाकू विमान एफ-21 बनाने की पेशकश की थी।  अमरीकी रक्षा कंपनी ने यह भी कहा कि अगर भारत 114 विमानों के ऑर्डर देता है तो वह किसी अन्य देश को यह विमान नहीं बेचेगी। भारत-अमरीका व्यवसाय परिषद भी भारतीय कंपनियों के साथ महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी सांझा करने के लिए रूपरेखा बनाने का दबाव बना रही है।

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