ब्रेकिंग
इंजीनियर, युद्ध कला में माहिर… कौन था 1.5 करोड़ का इनामी नक्सली बसवराजू, जो मुठभेड़ में हुआ ढेर? भारत को आधुनिक बनाने में निभाई अहम भूमिका… राजीव गांधी की 34वीं पुण्यतिथि पर कांग्रेस ने ऐसे दी श्रद... बाहर से लोग अराजकता फैलाने आए थे… मुर्शिदाबाद हिंसा पर बोलीं ममता बनर्जी लगाई थी ‘झूठी आग’, सच में फैल गई…जंगल के सैकड़ों पेड़ जलकर राख, क्या है कहानी? लखनऊ: मदरसे में 14 साल के छात्र के साथ गंदी हरकत… मौलवी ने की दरिंदगी, शिकायत करने गए परिजन को पीटा द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के खोले गए कपाट, बही आस्था की बयार, श्रद्धालुओं ने लगाए जयकारे भोपाल लव जिहाद केस में बड़ा खुलासा! पीड़िताओं पर बनाया गया धर्मांतरण का दबाव, महिला आयोग ने सीएम-राज... यूरिन पिलाया, नंगे बदन पर खौलता पानी डाला… गर्लफ्रेंड से मिलने गया बॉयफ्रेंड, घरवालों ने हैवानियत की... अरे ये दूल्हा तो चोर निकला, शादी से 1 दिन पहले गिरफ्तार, जयपुर में नौकर बनकर किया था कांड मणिपुर में सुरक्षाबलों को मिली बड़ी सफलता, 6 उग्रवादी गिरफ्तार, PLA पर बड़ा एक्शन
देश

मोदी सरकार की बड़ी कामयाबी: भारत को गोपनीय डिफैंस टैक्नोलॉजी देगा अमरीका

नई दिल्ली: भारत और अमरीका महत्वपूर्ण गोपनीय सैन्य प्रौद्योगिकी सांझा करेंगे। इस दिशा में रूपरेखा पर दोनों देश काम रहे हैं ताकि अमरीकी रक्षा कंपनियां संयुक्त उपक्रम के तहत भारतीय निजी क्षेत्र को ये प्रौद्योगिकी हस्तांतरित कर सकें। यह जानकारी ऑटोमोबाइल क्षेत्र के सूत्रों ने दी। इसे मोदी सरकार की बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है। रूपरेखा में विशिष्ट उपायों का जिक्र होगा ताकि भारतीय कंपनियों के साथ सांझा की गई संवेदनशील प्रौद्योगिकी और गोपनीय सूचनाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। सरकारों के बीच रूपरेखा से जवाबदेही, बौद्धिक संपदा अधिकार और औद्योगिक सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर स्पष्टता आएगी।

अमरीकी रक्षा उद्योग निजी क्षेत्र की भारतीय रक्षा कंपनियों के साथ सैन्य हार्डवेयर एवं प्लेटफॉर्म के लिए इस तरह के समझौते की रूपरेखा चाहता है। अमरीका की कंपनियों ने भारतीय कंपनियों के साथ संयुक्त उपक्रम में कुछ महत्वपूर्ण सैन्य प्लेटफॉर्म का भारत में ही निर्माण करने की पेशकश की है। लॉकहीड माॢटन ने पिछले महीने भारत को नवीनतम लड़ाकू विमान एफ-21 बनाने की पेशकश की थी।  अमरीकी रक्षा कंपनी ने यह भी कहा कि अगर भारत 114 विमानों के ऑर्डर देता है तो वह किसी अन्य देश को यह विमान नहीं बेचेगी। भारत-अमरीका व्यवसाय परिषद भी भारतीय कंपनियों के साथ महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी सांझा करने के लिए रूपरेखा बनाने का दबाव बना रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button