सहादत को सलाम: कोरोना से बचाव की दवा चढऩे से सफाईकर्मी संदीप वाल्मीकि शहीद

कोरोना वायरस से आमजन को बचाने के चलते जहरीली दवा की चपेट में आने से संदीप कुमार वाल्मीकि (30) शहीद हो गए हैं। संदीप ठेके पर नगर पंचायत में सफाई का कार्य करते थे। बताया जाता है कि दवा इतनी जहरीली थी कि वह इसका छिड़काव करते हुए बेहाश होकर गिर पड़े। अस्पताल ले जाते समय उसने दम तोड़ दिया।
मौत पर पत्नी और बच्चों का रो रोकर बुरा हाल
संदीप फतेहपुर जिला के हथगाम ब्लॉक के आलीमऊ गांव का रहने वाला है। जो अपने छोटे-छोटे बच्चों और पत्नी, माता-पिता के साथ रहकर सफाई मजदूर के रूप में कौशाम्बी के सिराथू नगर पंचायत में कार्य करता था। 23 मार्च को संदीप कोरोना वायरस जैसे महामारी से आमजनता को बचाने के लिए स्वयं को असुरक्षित रहते हुए कीटनाशक दवा के घोल का छिड़काव कर रहा था। तभी दवा की गैस सांस और नाक के जरिये उसके शरीर में प्रवेश कर गया, दवा का छिड़काव करते-करते वह बेहोश हो कर गिर पड़ा। तभी सहयोगी साथियो ने उसे उठाकर अस्पताल ले गये, जहां उपचार के दौरान उसने दम तोड़ दिया। परिवार का एक मात्र सहारा संदीप की मौत पर पत्नी, बच्चों का रो रोकर बुरा हाल है।
पुलिसकर्मियों ने दी सलामी
शहीद संदीप वाल्मीकि की सहादत पर वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने न केवल शव को कंधा दिया बल्कि सलामी भी दी। जिसकी सोसल मीडिया पर खूब तस्वीरें वायरल हो रही हैं।
शहीद की पत्नी को स्थाई नौकरी और एक करोड़ मुआवजा की मांग
उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के विनोद कुमार इलाहाबादी ने मांग की है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उक्त सफाईकर्मी की पत्नी को उसकी योग्यतानुसार स्थाई नौकरी और एक करोड़ का मुआवजा दिलाएं।






