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कर्नाटक में 5 साल में गायब हुए 13 हजार बच्चे, बेंगलुरु के सबसे ज्यादा

कर्नाटक से चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं, जो बताते हैं कि राज्य में चाइल्ड किडनैपिंग बढ़ गई है. बेंगलुरु मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, पूरे कर्नाटक में बच्चों के अपहरण काफी ज्यादा बढ़ गए हैं. आधिकारिक आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले पांच वर्षों में लगभग 13,000 बच्चे लापता हो गए हैं.

रिपोर्ट के अनुसार, 2020 और 2024 के बीच, 12,790 चाइल्ड किडनैपिंग के मामले सामने आए, फिर भी इनमें से 1,300 से अधिक बच्चों का कोई पता नहीं चल पाया है.

कहां से किडनैप हुए बच्चे?

किडनैप किए गए बच्चों की लिस्ट में जो एक चीज और भी ज्यादा चिंता बढ़ाती है वो यह है कि किडनैप हुए बच्चों में ज्यादातर लड़कियां हैं. साथ ही यह भी सामने आया है कि यह बच्चे रोजाना की रूटीन की चीजें करने के दौरान गायब हुए. कोई स्कूल गया और फिर घर नहीं लौटा, कोई ट्यूशन क्लास से गायब हो गया, इसी तरह रोजाना के कामों के दौरान ही बच्चे गायब हो गए हैं. इन सब मामलों के चलते पेरेंट्स का डर बढ़ गया है और पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती पैदा हो गई है.

किन इलाकों में सबसे ज्यादा हुई किडनैपिंग

बेंगलुरु मिरर की रिपोर्ट के अनुसार, राज्य भर में, सबसे ज्यादा किडनैपिंग के केस बेंगलुरु से सामने आए हैं, इसके बाद कई अन्य दक्षिणी जिले हैं, जिनमें तुमकुरु, शिवमोग्गा, मांड्या, दावणगेरे, हसन, चित्रदुर्ग और मैसूर टॉप 10 में शामिल है. इन जिलों में पिछले पांच साल में सबसे ज्यादा तादाद में बच्चे किडनैप किए गए हैं. इन सब चीजों के चलते राज्य और केंद्र दोनों सरकारों ने लापता बच्चों का पता लगाने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया है.

इसी के साथ लगातार हो रही किडनैपिंग के चलते इस बात का संदेह बढ़ रहा है कि कई बच्चे मानव तस्करी, बाल मजदूरी, अंग व्यापार, यौन शोषण और जबरन भीख मांगने में शामिल संगठित आपराधिक नेटवर्क का शिकार हो गए हैं. हालांकि, पुलिस इन मामलों की जांच कर रही है और इस तरह के नेटवर्क पर नजर रखी जा रही है.

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