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उत्तरप्रदेश

पूर्व एमपी अखलाक की मीट फैक्ट्री में उड़ीं पशु क्रूरता अधिनियम की धज्जियां, रिकॉर्ड में हेरफेर… लाइसेंस भी हो चुका था एक्सपायर

मेरठ में मशहूर मीट कारोबारी और पूर्व सांसद हाजी शाहिद अखलाक की फैक्ट्री ‘अल साकिब’ पर छापेमारी में कई हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं. मंगलवार को जिला प्रशासन द्वारा की गई इस छापेमारी में पाया गया कि मीट फैक्ट्री में नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही थीं. जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी), पशुपालन विभाग और प्रदूषण नियंत्रण विभाग की संयुक्त टीम ने मेरठ के हापुड़ रोड स्थित फैक्ट्री में छापा मारकर कई गंभीर अनियमितताओं का खुलासा किया.

जांच के दौरान पाया गया कि फैक्ट्री में पशुओं के रिकॉर्ड में भारी गड़बड़ियां हैं. न केवल रिकॉर्ड में हेरफेर किया गया है, बल्कि कई पशुओं पर आवश्यक जिओ टैगिंग भी नहीं की गई थी. एंटीमॉर्टेम प्रक्रिया वाले क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज और प्रस्तुत दस्तावेजों में पशुओं की संख्या में भी स्पष्ट अंतर पाया गया. यह पशु क्रूरता अधिनियम और फूड सेफ्टी मानकों का सीधा उल्लंघन माना जा रहा है.

जिलाधिकारी ने मौके पर ही पशु चिकित्सा अधिकारी को जमकर फटकार लगाई और तत्काल प्रभाव से कारण बताओ नोटिस जारी करने के आदेश दिए. अधिकारियों ने बताया कि इस स्तर की लापरवाही और नियमों की अनदेखी से मीट एक्सपोर्ट की विश्वसनीयता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है.

बिना लाइसेंस के चल रही थी फैक्ट्री

एक और चौंकाने वाली जानकारी यह सामने आई कि फैक्ट्री का लाइसेंस 2 जून 2025 को ही समाप्त हो चुका है. उसके नवीनीकरण को लेकर अभी तक फैक्ट्री प्रबंधन की ओर से कोई सूचना अथवा आवेदन प्रशासन को प्राप्त नहीं हुआ है. बिना वैध लाइसेंस के चल रही इस फैक्ट्री को लेकर जिला प्रशासन अब कठोर कार्रवाई की तैयारी कर रहा है.

प्रदूषण नियंत्रण विभाग की टीम ने भी फैक्ट्री में कई मानकों के उल्लंघन की पुष्टि की है. संभावित प्रदूषण और गंदगी को लेकर अधिकारियों ने फैक्ट्री प्रबंधन से स्पष्टीकरण मांगा है.

हाजी शाहिद अखलाक को झटका

हाजी शाहिद अखलाक, जो कभी संसद में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, मीट व्यापार में एक बड़ा नाम माने जाते हैं और उनका मीट एक्सपोर्ट का कारोबार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैला हुआ है. ऐसे में इस छापेमारी और अनियमितताओं का खुलासा उनकी छवि और व्यापार दोनों के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है.

‘नियमों का उलंघन बर्दाश्त नहीं’

प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि मामले की विस्तृत जांच की जाएगी और यदि आवश्यक हुआ तो फैक्ट्री को सील करने सहित कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है. जिलाधिकारी ने कहा कि पशु कल्याण, पर्यावरण सुरक्षा और खाद्य सुरक्षा के नियमों से कोई भी समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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