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क्या ट्रंप और नेतन्याहू ने हमले का ब्लूप्रिंट कर लिया तैयार? ईरान ने यहां छिपा रखा है यूरेनियम

इजराइल के प्रधानमंत्री बेजामिन नेतन्याहू का वो मकसद पूरा हो गया है, जिसके लिए वो अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने गए थे. माना जा रहा है कि ट्रंप ने इजराइल को ईरान पर फिर से हमले की धमकी दे दी है, तो सवाल यही है कि क्या नेतन्याहू के इजराइल वापसी के बाद ईरान पर हमले का दूसरा चरण शुरू होने जा रहा है? क्या ये हमला अगले 48 घंटे में होने जा रहा है?

11 जुलाई 2025, इसी तारीख को इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू का अमेरिकी दौरा खत्म होने वाला है. कुछ घंटों के अंदर ही नेतन्याहू अमेरिका से इजराइल लौटने वाले हैं. माना जा रहा है कि नेतन्याहू की वापसी के बाद ईरान पर फिर से हमले शुरू हो सकते हैं. अगले 48 घंटे में ईरान फिर दहल सकता है. ईरान पर हमले का खतरा इसलिए बढ़ गया है क्योंकि ट्रंप और नेतन्याहू ईरान पर आक्रमण का ब्लूप्रिंट तैयार कर चुके हैं.

नेतन्याहू जब वाशिंगटन गए थे, तभी ये साफ हो गया था कि वो ट्रंप से ईरान पर हमले की अनुमति मांगेंगे. अब जबकि नेतन्याहू का दौरा पूरा हो गया है तो ये माना जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बेंजामिन को ईरान पर हमले की हरी झंडी दे दी है. अमेरिका ने इजराइल को ईरान पर अटैक करने की इजाजत दे दी है, इसके संकेत इस बात से भी मिल रहे हैं कि पिछले 24 घंटे में वाशिंगटन में सबकुछ वैसा ही हो रहा है, जैसा पिछली बार हमले से पहले हुआ था.

पिछले 24 घंटे में ट्रंप और नेतन्याहू के बीच 2 बार आपात बैठक हुई. इस बैठक के बाद बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के रक्षा मंत्री से मिले. भारतीय समय के मुताबिक आज आधी रात नेतन्याहू अमेरिका से इजराइल वापस लौटेंगे. अगले 24 घंटे में ट्रंप के प्रोग्राम में सिर्फ इंटेलिजेंस ब्रीफिंग और इंटेलिजेंस मीटिंग ही है. ट्रंप पिछली बार ईरान पर हुए हमले से पहले भी इसी तरह के शेड्यूल पर थे.

ईरान ने 408 किलोग्राम संवर्धित यूरेनियम छिपा रखा है

इजराइल ने जिस दिन ईरान पर हमला किया था, उस दिन भी ट्रंप ने इंटेलिजेंस ब्रीफिंग लिया था, तो अब सवाल यही है कि क्या नेतन्याहू के वापस आते ही इजराइली सेना ईरान पर हमला करने जा रही है? फिलहाल तो यही लग रहा है. नेतन्याहू का आक्रमक रुख तो इसी बात का संकेत दे रहा है कि ईरान पर हमले का दूसरा राउंड किसी भी समय शुरू हो सकता है. नेतन्याहू ने अमेरिकी धरती से ही बड़ा बयान दिया है.

नेतन्याहू ने कहा है कि हमें पता है कि ईरान ने अपने संवर्धित यूरेनियम को कहां छिपा रखा है. ईरान ने इसे जमीन के नीचे अंडरग्राउंड स्टोरेज सेंटर में छिपा रखा है. ईरान का एटमी मिशन इजराइल के लिए कैंसर है. ईरान को भी पता है कि इजराइल और अमेरिका उसपर दूसरी और तीसरी बार भी हमला करेंगे. सवाल यही है कि आखिर इजराइल ने ईरानी यूरेनियम कहां हैं, इसका पता कैसे लगाया? क्या ईरान के संवर्धित यूरेनियम को खत्म करने के लिए इजराइल हमले का दूसरा चरण लॉन्च करने जा रहा है?

इजराइल का दावा है कि उसने ईरान के संवर्धित यूरेनियम का पता लगा लिया है. माना जा रहा है कि सीजफायर के बाद 15 दिनों में मोसाद ने उस लोकेशन की पता लगा ली है, जहां ईरान ने अपने संवर्धित यूरेनियम छिपा रखे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, ईरान ने अपने संवर्धित यूरेनियम को पिकएक्स की पहाड़ियों के नीचे बने अंडरग्राउंड सेंटर में छिपा रखा है. पिकएक्स की पहाड़ियां ईरान के नतांज न्यूक्लियर सेंटर के पास हैं.

ईरान के पिकएक्स माउंटेन की ऊंचाई 5 हजार फीट है. इसी पहाड़ी के 328 फीट नीचे ईरान का यूरेनियम स्टोरेज सेंटर है. ओपन सोर्स इंटेलिजेंस के मुताबिक, ईरान ने इसी स्टोरेज सेंटर में 408 किलोग्राम संवर्धित यूरेनियम छिपा रखा है. इजराइल और अमेरिका इसी यूरेनियम को खत्म करना चाहते हैं.

संवर्धित यूरेनियम के लोकेशन का पता चला

सवाल यही है कि अगर इजराइल को ईरान के उस संवर्धित यूरेनियम के लोकेशन का पता चल गया है, जो पहाड़ी के नीचे जमीन में 328 फीट नीचे है, तो अब इजराइली सेना इसे तबाह कैसे करेगी? जमीन के इतने नीचे मौजूद किसी अंडरग्राउंड सेंटर को तबाह करने के लिए दुनिया में न तो कोई मिसाइल है और न ही बम है. अगर होता, तो पिछले हमले में ही अमेरिका ने ईरान के अंडरग्राउंड एटमी सेंटर को तबाह कर दिया होता.

सवाल ये भी है कि क्या अब इजराइली सेना ईरान के अंडरग्राउंड एटमी ठिकानों के अंदर घुसकर ऑपरेशन चलाएगी? इन सवालों के जवाब हमें आने वाले वक्त में मिलने वाला है. लेकिन सच ये है कि इस बार भी हमले की वजह ईरान की एटमी तैयारी ही बनेगा. इजराइल बार-बार आरोप लगा रहा है कि ईरान अपना एटमी कार्यक्रम नहीं रहा है. अमेरिका इस बात से भड़का हुआ है कि ईरान अपने एटमी मिशन की निरीक्षण नहीं करने दे रहा है.

इंटरनेशनल एटोमिक एनर्जी एजेंसी यानी IAEA चीफ राफेल ग्रॉसी ने ईरान के एटमी मिशन को लेकर बड़ा बयान दिया है. ग्रॉसी ने कहा है कि ईरान के पास एटमी हथियार हैं, इस बात के सबूत नहीं हैं, लेकिन खतरा हर बीतते दिन के साथ बढ़ता जा रहा है. ग्रॉसी के कहने का मतलब ये है कि ईरान इतना सक्षम हो चुका है कि वो बहुत जल्द परमाणु परीक्षण कर सकता है. यही वो खतरा है, जो बढ़ता जा रहा है. इस खतरे को खत्म करने के लिए ट्रंप और नेतन्याहू ईरान पर फिर से बारूदी धावा बोलने की तैयारी में हैं.

ईरानी जनरल बदल रहे हैं ठिकाने

ईरान में भी जिस तरह की तैयारी चल रही है. उससे साफ है कि ईरान के पास भी इस बात के इंटेलिजेंस हैं कि इजराइल उसपर हमला करने वाला है. ईरानी जनरल अब हर रोज अपना ठिकाने बदल रहे हैं. ईरान के सभी बड़े जनरल या तो बंकर में या फिर किसी अंजान ठिकाने पर रात गुजार रहे हैं. ईरान की सेना भी पलटवार की तैयारियों में जुटी है. ईरान चीन और रूस से लगातार हथियार मंगवा रहा है.

चीन ईरान को J-10 लड़ाकू विमानों की दूसरी खेप देने की तैयारी कर रहा है. चीन दो दिन पहले ही ईरान को 40 J-10 विमानों की डिलीवरी कर चुका है. ईरान चीन और रूस से एयर डिफेंस सिस्टम और लंबी दूरी की मिसाइलें भी मंगवा रहा है. ईरान का कहना है कि 12 दिन चले युद्ध के बाद उसने इजराइली हमले की मिस्ट्री को सुलझा लिया है. अगर इस बार इजराइल ने हमला किया तो गेम बदल जाएगा. इस बार इजराइल की पराजय तय है. खैर ईरान के इस दावे में कितना सच है ये तो वक्त ही बताएगा, लेकिन अभी का सच ये है कि इजराइल आने वाले 48 घंटों में ऑपरेशन राइजिंग लॉयन का दूसरा चरण लॉन्च कर सकता है.

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