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क्या मस्जिदों और चर्चों में हिंदुओं को मिलता है रोजगार? तिरुपति को लेकर केंद्रीय मंत्री ने उठाया ये सवाल

केंद्रीय मंत्री और तेलंगाना बीजेपी नेता बंदी संजय कुमार ने टीटीडी में अन्य धर्मों के लोगों की मौजूदगी को लेकर सवाल उठाया. उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान में 1,000 से अधिक गैर-हिंदू तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) में कार्यरत हैं. मंत्री ने यह टिप्पणी तिरुमला में भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के बाद की.

टीटीडी तिरुमला में प्रतिष्ठित भगवान वेंकटेश्वर मंदिर का प्रबंधन करने वाली प्रशासनिक संस्था है. उन्होंने कहा कि हिंदू मंदिर की पवित्रता और आध्यात्मिक शुद्धता को बनाए रखने की जिम्मेदारी टीटीडी है. ऐसे में वह 1,000 से अधिक गैर-हिंदुओं को अपने वेतन पर कैसे रख सकता है?

गैर-हिंदू कर्मचारियों हटाने की मांग की

बीजेपी नेता ने कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए टीटीडी से सभी गैर-हिंदू कर्मचारियों की तुरंत पहचान करके उन्हें हटाने का आग्रह किया. उन्होंने जोर देकर कहा कि गैर-हिंदुओं को नौकरी पर रखना न केवल मंदिर के आध्यात्मिक मूल्यों का उल्लंघन है, बल्कि दुनिया भर से तिरुमला आने वाले लाखों हिंदू श्रद्धालुओं की भावनाओं को भी ठेस पहुंचा सकता है. उन्होंने टीटीडी पर सवाल उठाते हुए कहा कि क्या कोई मस्जिदों और चर्चों में हिंदुओं को रोजगार उपलब्ध कराता है?

पहले भी हो चुकी है आलोचना

मंत्री ने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब टीटीडी में गैर-हिंदुओं की नियुक्ति को लेकर चिंताएं जताई गई है. इससे पहले भी ऐसी घटनाओं की आलोचना हुई है. उन्होंने बताया कि समर्थकों का कहना होता है कि इतने महत्वपूर्ण धार्मिक संस्थान में केवल धर्मनिष्ठ हिंदुओं को ही नियुक्त किया जाना चाहिए. मंत्री ने गैर हिंदुओं की नियुक्तियों के बारे में व्यापक जांच की मांग की. उन्होंने टीटीडी पर आरोप लगाते हुए कहा कि भर्ती नीतियों में मौजूदा नियमों को जानबूझकर दरकिनार किया गया है.

टीटीडी के पूर्व अध्यक्ष ने मांगा सबूत

टीटीडी के पूर्व अध्यक्ष भुमना करुणाकर रेड्डी ने बीजेपी नेता द्वारा की गई टिप्पणी पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने मंत्री से 1,000 से ज़्यादा गैर-हिंदू कर्मचारियों के अपने दावे के पक्ष में सबूत पेश करने की चुनौती दी है. उन्होंने कहा कि हाल ही में टीटीडी बोर्ड ने बताया था कि केवल 22 गैर-हिन्दू कर्मचारी कार्यरत हैं. रेड्डी ने बीजेपी मंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा कि मुझे संदेह है कि मंत्री द्वारा दी गई इस तरह की टिप्पणी के पीछे मंदिर की पवित्रता को कमजोर करने की कोशिश की जा रही है. हालांकि टीटीडी ने मंत्री द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.

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