जालंधर वासियों के लिए खड़ी हुई नई मुसीबत, अगले 7 दिनों में …

जालंधर : मानसून के बीच शहरवासियों को और अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। सरफेस वाटर प्रोजेक्ट के तहत अगले 7 दिनों में शहर की 6 सड़कों पर पानी की पाइपलाइन बिछाने के लिए खुदाई शुरू होने जा रही है। नगर निगम ने इन सड़कों पर काम की मंजूरी दे दी है, जिनकी कुल लंबाई 4.50 किलोमीटर है। हालांकि, इससे पहले खोदी गई 8 सड़कों की हालत अब भी खराब है। बरसात में इन अधूरी सड़कों पर कीचड़ और गड्ढों के कारण राहगीरों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अब नई खुदाई के कारण मिट्टी बैठने और पानी भरने की समस्या और गंभीर हो सकती है। निगम ने खुदाई से पहले इन 6 सड़कों का सर्वे भी करवा लिया है और मुरम्मत कार्य के एस्टीमेट भी तैयार कर लिए हैं। लेकिन, बारिश के चलते इन सड़कों का पुनर्निर्माण फिलहाल संभव नहीं है और यह काम बारिश के बाद ही शुरू हो सकेगा।
अभी अधूरी हैं ये 8 सड़कें:
मिड्डू बस्ती, डिलवां, बीएसएफ चौक, लायलपुर खालसा रोड, धोगड़ी, बडिंग नकोदर रोड से कपूरथला चौक, मैनब्रो चौक शामिल हैं। सरफेस वाटर प्रोजेक्ट के तहत शहर की आंतरिक सड़कों पर कुल 98 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाई जानी थी, लेकिन अब तक केवल 58 कि.मी. ही बिछाई जा सकी है। वहीं, जगराओं से सिटी तक 15.50 कि.मी. की मेन लाइन में से 14.70 किमी का ही कार्य पूरा हुआ है। बारिश के कारण धन्नोवाली में काम पूरी तरह बंद है।
इन सड़कों पर शुरू होना है ये काम :
- दकोहा फाटक-धन्नोवाली रेलवे क्रॉसिंग-900 मीटर
- शास्त्री चौक से बीएमसी चौक तक-1605 मीटर
- वेदमाता कलोनी से धन्नोवाली तक-360 मीटर
- नंगल शामा चौक-लद्देवाली रोड-600 मीटर
- काजी मंडी से लेकर दोमोरिया पुल तक-394 मीटर
- मदन फ्लोर मिल चौक से अर्जुन नगर-550 मीटर
ट्यूबवेल से जुड़ेंगी पेयजल लाइनें
सीवर बोर्ड मेन पेयजल लाइन को नगर निगम के 650 ट्यूबवेलों से जोड़ेगा, जो फिलहाल शहरवासियों को सुबह और शाम पानी की आपूर्ति करते हैं। चूंकि ये ट्यूबवेल आपस में इंटर-कनेक्टेड हैं, इसलिए नई मेन लाइन जुड़ने के बाद भी फिलहाल दिन में 2 बार ही पानी मिलेगा। जब फेस-2 पूरा होगा, तभी 24 घंटे पानी की सप्लाई संभव होगी।
प्रोजेक्ट डेडलाइन पार, एजेंसी ने मांगा समय
प्रोजेक्ट की डेडलाइन पहले ही सितंबर 2023 में खत्म हो चुकी है। सीवर बोर्ड ने एजेंसी को काम पूरा करने के लिए दिसंबर 2025 तक का समय दिया है। एजेंसी ने इस डेडलाइन को मार्च 2026 तक बढ़ाने का अनुरोध किया है, लेकिन चंडीगढ़ से अब तक मंजूरी नहीं मिली है। तय समय में कार्य पूरा न होने पर एजेंसी पर पेनल्टी लगाई जाएगी। सरफेस वाटर प्रोजेक्ट का फेस-2 अभी शुरू भी नहीं हो पाया है। इसकी 615 करोड़ रुपये की डीपीआर 2 साल से मंजूरी का इंतज़ार कर रही है। इसमें शहर में 551 किलोमीटर सड़कों की खुदाई कर घरों तक नई पाइपलाइन डालनी है। 6 बार रिमाइंडर भेजे जाने के बावजूद इसे मंजूरी नहीं मिल सकी है। ऐसे में अब नई सरकार के आने के बाद ही इस पर मंथन की उम्मीद है। फेस-1 का कार्य 2 साल से चल रहा है और अब तक अधूरा है। जबकि फेस-2 की शुरुआत तक नहीं हो पाई है। ऐसे में शहरवासियों को बारिश और खुदाई के कारण जलभराव, कीचड़ और गड्ढों से जूझना तय है।