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किसी पर लगा दाग तो कोई गया सलाखों के पीछे, वो राजनेता जो ‘बदनाम’ होने के बाद निकले पाक साफ

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता सत्येंद्र जैन को भ्रष्टाचार के मामले में बड़ी राहत मिली है. PWD में भर्तियों में भ्रष्टाचार के केस में जैन के खिलाफ सीबीआई को भ्रष्टाचार नहीं मिला है. सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट फाइल कर दी है. जांच एजेंसी से क्लीन चिट मिलने के बाद सत्येंद्र जैन उन राजनेताओं में शुमार हो गए हैं जो दाग लगने के बाद सलाखों के पीछे गए और पाक साफ होकर निकले.

सत्येंद्र जैन से पहले सुरेश कलमाड़ी, प्रफुल पटेल, अजित पवार, सुनेत्रा पवार, साध्वी प्रज्ञा जैसे दिग्गज राजनेता भी अलग-अलग मामलों में बेदाग होकर निकले हैं. ये नेता किस मामले में पाक साफ होकर निकले, आइए जानते हैं.

सुरेश कलमाड़ी– 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स के वक्त सुरेश कलमाड़ी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे. वह CWG ऑर्गेनाइजिंग कमेटी के अध्यक्ष थे. प्रवर्तन निदेशालय यानी ED ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनके खिलाफ जांच भी की. वह जेल में भी रहे. वहीं, सीबीआई ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में जांच की. सीबीआई से जहां उन्हें पहले ही क्लीन चिट मिल गई थी तो ईडी ने उन्हें इस साल अप्रैल में क्लीन चिट दी. क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार होने से 15 साल पहले हुए कथित घोटाले में धन शोधन का पहलू समाप्त हो गया.

अजित पवार– इंडिया गठबंधन से NDA में आने वाले महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार बेनामी संपत्ति मामले में आरोपी थे. पवार जब इंडिया के साथ तब बीजेपी हमलावर रहती थी. उनपर कई हमले किए गए. लेकिन पिछले साल इनकम टैक्स ने उन्हें क्लीन चिट दे दी. इसके बाद आयकर विभाग ने 2021 में जब्त की गई उनकी 1000 करोड़ से अधिक की संपत्तियों को भी रिलीज कर दिया. पवार को मिली इस राहत पर महागठबंधन के नेताओं ने सवाल भी खड़े किए थे. शिवसेना यूबीटी के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि अजित पवार को तो क्लीन चिट मिलनी ही थी. उनकी 1000 करोड़ की संपत्ति जब्त हुई थी.

सुनेत्रा पवार– महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पत्नी और NDA नेता सुनेत्रा पवार 25 हजार करोड़ रुपये के सहकारी बैंक घोटाले में आरोपी थीं. ये तब था जब वह और अजित पवार इंडिया गठबंधन का हिस्सा थे. इस मामले में पिछले साल जनवरी में मुंबई पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट फाइल की, जिसमें सुनेत्रा को क्लीन चिट मिलने की बात सामने आई. मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू ने कहा है कि कथित तौर पर सुनेत्रा पवार के खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है.

प्रफुल्ल पटेल- NCP के नेता रहे प्रफुल्ल पटेल को पिछले साल मार्च में सीबीआई से राहत मिली थी. जांच एजेंसी ने एयर इंडिया के लिए विमान पट्टे पर देने में कथित अनियमितताओं के मामले में क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी, जिसमें पूर्व नागरिक उड्डयन मंत्री प्रफुल्ल पटेल शामिल थे.

भ्रष्टाचार के आरोपों को साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं मिलने के बाद एजेंसी ने अदालत में रिपोर्ट दायर की. अजित गुट में शामिल होने के बाद प्रफुल्ल पटेल को सीबीआई से क्लीन चिट मिल गई. मई 2017 में सीबीआई ने पटेल के खिलाफ सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए मामले दर्ज किए थे. आरोप सरकार को नुकसान पहुंचाने से संबंधित थे और मामला सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दायर किया गया था.

साध्वी प्रज्ञा- ताजा-ताजा मामला साध्वी प्रज्ञा है. भोपाल की पूर्व सांसद को मालेगांव ब्लास्ट मामले में क्लीन चिट मिला. उन्हें NIA कोर्ट ने बरी किया. हमले में 6 लोगों की मौत हुई थी. सबूतों के अभाव में कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा समेत सभी आरोपी को बरी कर दिया. प्रज्ञा इस मामले में 9 साल जेल में भी रहीं. प्रज्ञा इस केस में मुख्य आरोपी थीं.

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