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उत्तर बंगाल में तबाही के मंजर: आपदा के बाद सेना और NDRF ने संभाली कमान, युद्धस्तर पर राहत कार्य शुरू

उत्तर बंगाल में भारी बारिश से बाढ़ आ गई है. कई सड़कें जलमग्न हो गई हैं. सड़कें और पुल टूट गए हैं. नागराकाटा और बानरहाट जैसी कई जगहें जलमग्न हैं. सेना, एनडीआरएफ और पुलिस के जवान बचाव कार्य में उतर चुके हैं. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जताई है.

केंद्र के आदेश पर सेना के अधिकारियों का एक दल दुदिया पहुंच चुका है. सेना को एक अस्थायी पुल बनाने की जिम्मेदारी दी गई है. सेना के इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारी इलाके का दौरा कर रहे हैं. जल्द ही काम शुरू हो जाएगा.

दार्जिलिंग में जहां भारी तबाही हुई है और बारिश व भूस्खलन से अब तक 27 लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं अब पश्चिम बंगाल के डूआर्स क्षेत्र में भी बाढ़ की आशंका है. भूटान के ताला हाइड्रोपावर बांध में तकनीकी खराबी के कारण पानी भर जाने के बाद उत्तर बंगाल के अधिकारी हाई अलर्ट पर है.

छुट्टी में गये कर्मियों को वापस बुलाया

भूटान के राष्ट्रीय जल विज्ञान एवं मौसम विज्ञान केंद्र (एनसीएचएम) ने कहा कि ड्रुक ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन (डीजीपीसी) ने बांध के गेटों में खराबी की सूचना दी है, जो नहीं खुल पाए, जिसके परिणामस्वरूप नदी का पानी बांध के ऊपर फैल गया. भूटान ने संभावित प्रभावों के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को औपचारिक रूप से तैयार रहने के लिए सतर्क कर दिया है.

भारत के राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने कहा कि अलीपुरद्वार स्थित उसकी टीम को “उच्चतम अलर्ट स्तर” पर रखा गया है.

छुट्टी पर गए सभी कर्मियों को वापस बुला लिया गया है, जबकि सिलीगुड़ी से अतिरिक्त 15 बचावकर्मियों को ज़मीनी कार्रवाई को मजबूत करने के लिए तैनात किया जा रहा है.

सेना और एनडीआरएफ के जवानों ने संभाला मोर्चा

इससे भी बदतर, मौसम पूर्वानुमान के अनुसार, पूर्वी उत्तर प्रदेश से उठा एक तूफान पूर्व की ओर बढ़ गया है और अब डूआर्स क्षेत्र के मदारीहाट की ओर भी बढ़ रहा है. अगर भूटान की पहाड़ियों में भारी बारिश होती है, तो उत्तर बंगाल की नदियों में तेजी से उफान आने की आशंका है, जिससे अचानक बाढ़ का खतरा बढ़ जाएगा.

इस बीच, एनडीआरएफ ने पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग उपखंड के बारिश से प्रभावित मिरिक क्षेत्र में कई टीमें तैनात की हैं, जहां मूसलाधार बारिश के कारण बड़े पैमाने पर भूस्खलन हुआ है, जिसमें कई लोग मारे गए हैं और कई गांव बाकी क्षेत्र से कट गए हैं.

एनडीआरएफ के उप महानिरीक्षक (डीआईजी) मोहसेन शाहेदी ने कहा कि दार्जिलिंग, सिलीगुड़ी और अलीपुरद्वार से तीन टीमें पहले ही तैनात की जा चुकी हैं, जबकि मालदा और कोलकाता से एक-एक, दो और टीमें प्रभावित स्थलों के लिए रवाना हो गई हैं.

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