साउथ की इडली को भूल जाएंगे! ट्राई करें ‘बिहार की स्पेशल मीठी इडली’, नोट करें बनाने का तरीका

लिट्टी-चोखा..आलू-भुजिया, दाल-भात, सत्तू का शरबत और चटपटा सत्तू का लड्डू…इन सारे व्यंजनों का नाम आते ही बिहार दिमाग में घूमने लगता है, लेकिन क्या आपने कभी ‘भक्का’ खाया है. इडली के जैसे दिखने वाला ये व्यंजन चावल के आटे से ही बनता है, लेकिन इसे बनाने का तरीका और स्वाद दोनों बिल्कुल अलग हैं. जहां इडली को सांभर और नारियल की चटनी के साथ परोसते हैं तो वहीं भक्का स्वाद में मीठा होता है. इसको लोग या तो सीधे खाते हैं या फिर नाश्ते में भी लेते हैं. इसके अलावा गरम गरम ‘भक्का’ को घी या फिर मछली के साथ खाया जाता है. खासतौर पर आपको बिहार के अररिया में इसका स्वाद चखने को मिलेगा. जहां आजीविका के लिए लोग इसे बेचते भी हैं, इसलिए आपको रोड पर किनारे पर ये बिकते हुए मिल जाएगा, जिसका लुत्फ आप भी उठा सकते हैं.
‘भक्का’ एक ऐसी डिश है जो खासतौर पर अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर और सर्दी के पूरे सीजन में खाई जाती है. सर्द धुंध में आप अगर अररिया में रोड पर निकल जाएंगे तो ‘भक्का’ आपको बिकते हुए मिल जाएगा. बिल्कुल सॉफ्ट ‘भक्का’ कुछ-कुछ बंगाल के पीठा से मिलता-जुलता है. तो चलिए जान लेते हैं इस पारंपरिक व्यंजन की खासियत और इसकी रेसिपी क्या है.
क्यों खास है भक्का व्यंजन?
‘भक्का’ बहुत ही पुरानी रेसिपी है, जिसे बिहार में खासतौर पर कलिहा समुदाय के लोग बनाते हैं. इसे नाश्ते में खाने के लिए बनाया जाता है, लेकिन धीरे-धीरे ये लोकप्रिय हुआ, जिसके बाद मछली के साथ ही लोग इसका लुत्फ उठाते हैं. ये खास इसलिए भी है, क्योंकि सर्दियों में धान की कटाई के बाद इसे ताजे चावलों को हाथों से पत्थर पर पीसकर उसके आटे से तैयार किया जाता है और मिट्टी के बर्तन में ही इसे बनाते हैं.ये बिहार की सीमांचल इलाकों की डिश है. अब जान लेते हैं इसकी रेसिपी.
‘भक्का’ बनाने के इनग्रेडिएंट्स?
बिहार की मीठी इडली यानी ‘भक्का’ बनाने के लिए अरवा चावलों का इस्तेमाल किया जाता है. आप नॉर्मल चावल भी ले सकते हैं. इसके अलावा आपको चाहिए होगा ‘भक्का’ बनाने वाला बर्तन. ये एक मिट्टी की पक्का पॉट-मटका (ऊपर से कटोरे के आकार का होता है) इसके ऊपर लगे कटोरे में बीच में सुराख रहता है. थोड़ा गहरा हो. इसके अलावा आपको सिर्फ गुड़ की जरूरत होगी यानी ये रेसिपी सिर्फ चावल और गुड़ दो इनग्रेडिएंट्स से बनकर तैयार हो जाती है. अगर आप इसे मिट्टी के चूल्हे पर बनाएंगे तो और भी अच्छा स्वाद आएगा. इसके लिए आपको एक साफ सूती कपड़ा भी चाहिए होगा. अब जान लेते हैं बनाने का तरीका.
‘भक्का’ बनाने का तरीका
सबसे पहले चावलों को रातभर पानी में भिगोकर रख दिया जाता है और फिर अगली सुबह इसका पानी अलग करके चावलों का छान लें. अब चावलों को थोड़ा सुखाएं, लेकिन नमी पूरी तरह से नहीं निकलनी चाहिए. इसके बाद चावलों को पीस लीजिए ताकि इसका आटा बन जाए. इसके बाद एक मीडियम साइज की या फिर अपने हिसाब से छोटी या बड़ी कटोरी ले सकते हैं. इसमें आटा भर दें और थोड़ा सा खाली रखें. अब गुड़ के छोटे-छोटे टुकड़े इसपर फैलाकर ऊपर से थोड़ा और चावल का आटी डालकर कटोरी को पूरा फिल करें.
चूल्हे या गैस पर ‘भक्का’ बनाने वाला बर्तन या फिर किसी गहरे बर्तन को रखकर इसमें पानी भर दें और इसके ऊपर कोई जालीदार चीज रखें. अब आटे की भरी हुई कटोरी के मुंह पर सूती कपड़ा लपेटकर उसे पलटकर मिट्टी के बर्तन में रख दें. कटोरी हटा दें और तैयार किए गए ‘भक्का’ को उसी सूती कपड़े से ढककर पकाएं. कम से कम दो मिनट में ये पूरी तरह बनकर तैयार हो जाता है. अब आप इसे घी के साथ एंजॉय कर सकते हैं. फिश करी के साथ खाने के लिए लोग बिना गुड़ के भी इसे बनाते हैं. जिस तरह से हमारे देश के रहन-सहन, बोली-भाषा में विविधता है, उसी तरह से खानपान के स्वाद में भी जबरदस्त डायवर्सिटी देखने को मिलती है.






