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लोकसभा में ‘मिडनाइट’ महाबहस! रात 1.35 बजे तक 98 सांसदों ने रखे विचार, ‘G RAM G’ बिल पर BJP और विपक्ष में तीखी तकरार

लोकसभा में कल बुधवार को विकसित भारत-जी राम जी (ग्रामीण रोजगार और आजीविका मिशन) संशोधन विधेयक (Viksit Bharat-G RAM G (Gramin Rozgar and Ajeevika Mission) Amendment Bill) पर करीब 14 घंटे तक बहस चली. बहस के दौरान विपक्ष ने मांग की कि प्रस्तावित बिल को स्टैंडिग कमिटी के पास भेजी जाए, जबकि सत्तारुढ़ बीजेपी ने बिल का समर्थन किया और इसे 2047 तक विकसित भारत के विजन को हासिल करने की दिशा में एक अहम कदम बताया. साथ ही कांग्रेस पर भी जमकर निशाना साधा.

बिल को लेकर लोकसभा में कल हुई बहस में 98 सांसदों ने हिस्सा लिया. कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान आज गुरुवार को बहस का जवाब देंगे. वहीं मनरेगा का नाम बदले जाने को लेकर विपक्ष हमलावर हो गया है. इंडिया गठबंधन के कई घटक दल इस बिल के खिलाफ आज गुरुवार सुबह संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन करेंगे.

सूत्रों का कहना है कि सुबह 10.15 बजे संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास ये सांसद अपने विरोध प्रदर्शन करेंगे. विरोध को लेकर राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई थी. तृणमूल कांग्रेस इस बैठक में शामिल नहीं हुई थी.

यहां से मोदी सरकार के पतन की शुरुआतः प्रेमचंद्रन

बहस में हिस्सा लेते हुए आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के नेता और सांसद चंद्रशेखर ने कहा कि यदि सरकार को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का नाम बदलना ही था तो फिर इसे बाबासाहेब आंबेडकर के नाम पर क्यों नहीं किया गया. इसका नाम जय भीम विधेयक भी हो सकता था. साथ ही उन्होंने आगाह करते हुए यह भी कहा कि महापुरुषों के सम्मान के साथ खिलवाड़ करने वालों का जनता हिसाब करेगी.

नाम बदले जाने की आलोचना करते हुए आरएसपी के नेता एनके प्रेमचंद्रन ने यह दावा किया कि यह विधेयक केंद्र की मोदी सरकार के पतन की शुरुआत है. कोई भी यह स्वीकार नहीं करेगा कि महात्मा गांधी का नाम किसी योजना से हटाया जाए.

यह महात्मा गांधी का अपमानः MP राजकुमार रोत

जम्मू-कश्मीर से निर्दलीय सांसद अब्दुल रशीद शेख ने बहस में हिस्सा लेते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेताओं पर भगवान राम के झूठे भक्त होने का आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर के टुकड़े करने वाले सच्चे रामभक्त नहीं हो सकते. इसी तरह कांग्रेस नेता इमरान मसूद ने बीजेपी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि भगवान राम ने सबरी के झूठे बेर खाकर गरीबों का सम्मान किया था, लेकिन यह सरकार मनरेगा को बदलकर गरीबों का अपमान कर रही है.

राष्ट्रपिता के अपमान की बात करते हुए भारतीय आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत ने आरोप लगाया कि सरकार मनरेगा को खत्म करने के साथ ही महात्मा गांधी का अपमान किया जा रहा है.

दूसरी ओर, BJP सांसदों अनुराग ठाकुर और निशिकांत दुबे ने बिल का समर्थन करते हुए इसे विकसित भारत की दिशा में एक बड़ा कदम माना, और MGNREGA के कार्यान्वयन और कथित भ्रष्टाचार को लेकर कांग्रेस पर तीखा हमला बोला.

मोदी सरकार डिलीवरी पर फोकस करती हैः ठाकुर

अनुराग ठाकुर ने नए बिल के सुधारों की तारीफ करते हुए कहा, “यह प्रस्तावित कानून पीएम नरेंद्र मोदी की आर्थिक और सामाजिक रूप से हाशिए पर पड़े लोगों, जिसमें किसान, मजदूर, महिलाएं और सामाजिक रूप से वंचित समुदाय शामिल हैं, के प्रति लंबे समय से चली आ रही सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.” उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि विपक्ष नामकरण पर ध्यान केंद्रित करता है जबकि मोदी सरकार डिलीवरी पर ध्यान केंद्रित करती है.”

बहस के जरिए बिल का समर्थन करते हुए बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने इसे “बहुत ही अहम” बताया और कहा कि वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी सरकार की गंभीरता को दिखाती है. उन्होंने कांग्रेस पर संविधान और महात्मा गांधी का नाम लेकर जनता को गुमराह करने का आरोप भी लगाया.

दुबे ने संविधान के अनुच्छेद 49 और 51(ए) का जिक्र करते हुए तर्क दिया कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपिता जैसे राष्ट्रीय हस्तियों का इस्तेमाल राजनीतिक मकसद के लिए नहीं किया जाना चाहिए. “क्या आपने कभी राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के नाम पर कोई योजना देखी है? उन्होंने सवाल किया, “राष्ट्रपिता के नाम पर कोई स्कीम कैसे हो सकती है?” उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस इसलिए परेशान है क्योंकि नए बिल के तहत सख्त मैकेनिज्म भ्रष्टाचार पर लगाम लगाएंगे. कांग्रेस इसलिए भी घबराई हुई है क्योंकि वह महात्मा गांधी के नाम पर पैसे नहीं कमा पाएगी.”

स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाए बिलः MP सुरेश

उन्होंने कहा, “नया बिल ग्रामीण भारत में जवाबदेही, पारदर्शिता और श्रम की गरिमा की दिशा में एक अहम कदम है. एक कहावत है, चोर चोरी से जाए, तूंबा फेरी से नहीं जाए, और उल्टा चोर कोतवाल को डांटे. कांग्रेस सिर्फ भ्रष्टाचार को बढ़ावा देती है. हम इस कानून के जरिए सारी चोरी खत्म कर देंगे.”

बिल को स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजने की मांग करते हुए कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा, “लंबी बहस और गंभीरता खुद ही इस कानून के महत्व को रेखांकित करती है. यह अहम बिल है, इसीलिए सदन ने इस पर इतनी देर तक चर्चा की. दोनों ओर से 98 से ज्यादा सांसदों ने इस बहस में हिस्सा लिया. विपक्षी पार्टी इसका कड़ा विरोध कर रही है. विपक्षी दलों के INDIA गठबंधन की मांग की है कि इस बिल को स्टैंडिंग कमेटी को भेजा जाए.”

तो नीरव मोदी को वापस लाएं पीएम मोदीः औजला

वहीं एक अन्य कांग्रेस सांसद वामसी कृष्णा गड्डम ने कहा कि सरकार के इरादे उनके “गैर-जरूरी फैसलों” से साफ हो रहे हैं. देश में हम सभी महात्मा गांधी से प्यार करते हैं, सिवाय बीजेपी के. हमें दुख होता है कि इस योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाया जा रहा है. कांग्रेस सांसद प्रणिति शिंदे ने मोदी सरकार पर कानून को जल्दबाजी में पास करने का आरोप लगाया.

नए बिल में राज्यों को शामिल किए जाने की आलोचना करते हुए कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने कहा कि यह बिल न सिर्फ योजना का नाम बदलता है, बल्कि राज्य सरकारों पर वित्तीय बोझ भी डालता है. उन्होंने यह भी कहा कि वे देश को यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि मोदी राम को वापस लाए हैं. अगर पीएम मोदी इतने काबिल हैं, तो उन्हें नीरव मोदी को वापस लाना चाहिए.”

बिल विपक्ष को खुश करने के लिए नहींः बोम्मई

इस बीच बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने समर्थन करते हुए कहा कि यह बिल पीएम मोदी के विकसित भारत के विजन को हकीकत में बदलता है. प्रस्तावित कानून मौजूदा मनरेगा से कहीं आगे जाता है, क्योंकि यह मौजूदा योजना के तहत 100 दिनों की तुलना में 125 दिनों के रोजगार की गारंटी भी देता है.

बीजेपी सांसद बसवराज एस. बोम्मई ने कहा कि यह कानून विपक्ष को खुश करने के लिए नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत की बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया है. यह ग्रामीण जनता के विकास के लिए है. हालात बदल गए हैं, और अब लोगों की जरूरतें भी बदल गई हैं. फंड के दुरुपयोग की कई शिकायतों के बाद हम पूरी प्रक्रिया की समीक्षा कर रहे हैं.

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