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नहीं टूटेगी 284 साल पुरानी परंपरा, गृह मंत्रालय ने जगन्नाथ पुरी का रथ बनाने की दे दी इजाजत

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को स्पष्ट किया कि पुरी में रथ यात्रा निकालने पर फैसला ओडिशा सरकार कोविड-19 के मौजूदा हालात को देखकर लेगी, हालांकि मंत्रालय ने यात्रा के लिए रथ निर्माण की मंजूरी दे दी। ओडिशा सरकार को लिखे पत्र में गृह मंत्रालय ने कहा कि शर्तें पूरी होने के साथ ‘रथ कला’ में रथ निर्माण के लिए इजाजत दे दी गयी है, जो जगन्नाथ मंदिर कार्यालय और श्री नाहर महल के सामने ग्रांड रोड के दोनों ओर स्थित है।

मंत्रालय ने कहा कि ‘रथ कला’ में कोई धार्मिक समागम नहीं होना चाहिए और यह स्थान पूरी तरह पृथक रहना चाहिए। पत्र में कहा गया कि वार्षिक रथ यात्रा निकालने का फैसला राज्य सरकार उस समय मौजूदा स्थिति को देखते हुए लेगी। लॉकडाउन के लिए जारी दिशानिर्देशों के अनुसार लोगों का जमा होना पूरी तरह प्रतिबंधित है

मंत्रालय ने कहा कि जगन्नाथ मंदिर की प्रबंध समिति ने सोमवार को एक बैठक के बाद ‘रथ कला’ में रथ निर्माण की अनुमति देने का अनुरोध किया था। समिति ने कहा कि ‘रथ कला’ में कोई समागम नहीं होता क्योंकि यह कार्यस्थल है और सार्वजनिक स्थल नहीं है जहां आम जनता आ सके। मंदिर समिति ने कहा कि कोविड-19 के प्रभावी प्रबंधन के लिए ‘रथ कला’ को पास की ग्रांड रोड और आसपास के भवनों से कपड़ा लगाकर पृथक रखा जाएगा ताकि आम जनता की पहुंच वहां नहीं हो।

 गृह मंत्रालय के पत्र के अनुसार, समिति ने कहा कि कोविड-19 के प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर जारी दिशानिर्देशों का पूरी तरह पालन किया जाएगा। बता दें कि 12वीं सदी में पुनर्निर्मित हुए भगवान जगन्नाथ के इस मंदिर में 1736 से लगातार रथयात्रा का आयोजन हो रहा है। ऐसे में अगर कोविड-19 के खतरे के चलते इसे निरस्त किया जाता तो यह 284 सालों में पहली बार होता।

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