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मनीष सिसोदिया ने HRD मंत्री से की अपील, न कराएं CBSE की बची हुईं परीक्षाएं

कोरोना वायरस के संक्रमण से देश की राजधानी दिल्ली बुरी तरह प्रभावित है। यहां हर दिन मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। ऐसी स्थिति में यहां के हालातों को देखते हुए दिल्ली में सीबीएसई की बची हुई परीक्षाएं कराना एक खतरे भरा कदम हो सकता है। यह हालात बयां किए हैं कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने। शिक्षा मंत्री ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंंक को पत्र लिखकर शेष सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का आग्रह किया है। 17 जून को लिखे गए पत्र में, शिक्षा मंत्री ने विभिन्न कारणों पर प्रकाश डाला है। उन्होंने लिखा कि राजधानी में बढ़ते मामलों के कारण और स्कूलों की अनुपलब्धता के साथ परीक्षा कराना कितना मुश्किल है।

छात्रों की सुरक्षा की सबसे बड़ी चिंता का हवाला देते हुए, सिसोदिया ने पत्र में लिखा कि दिल्ली में पहले ही कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। पत्र लिखने के समय राजधानी में कुल मामलों की संख्या 44,688 थी। वहीं जुलाई के अंत तक लगभग 5.5 लाख तक मामलों की उम्मीद है। ऐसी स्थिति में बच्चों की सुरक्षा को नज़रअंदाज़ नहीं किया जाना चाहिए।

इसके अलावा शिक्षा मंत्री ने परीक्षा आयोजित करने के लिए स्कूलों की अनुपलब्धता को भी बताया है। पत्र में वह लिखते हैं कि वर्तमान में 343 स्कूल भवनों का उपयोग विभिन्न COVID19 राहत कार्यों के लिए किया जा रहा है। इनमें से 251 वितरण केंद्र थे, 33 भूख राहत केंद्र थे, 39 आश्रय गृह थे, 10 प्रवासी शिविर और 10 क्वारंटाइन सेंटर थे। ऐसे में इन स्कूलों में परीक्षा होना कैसे संभव है।

इसके अलावा बेड की उपलब्धता बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार 242 स्कूलों के ऑडिटोरियम को इस्तेमाल करने की प्लानिंग कर रही है। ऐसी परिस्थिति में 1 से 15 जुलाई के बीच स्कूल बिल्डिंग में परीक्षा कराना और सभी छात्रों का परीक्षा देना सुनिश्चित करना बहुत मुश्किल होगा।

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