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अगले साल की शुरुआत में चंद्रयान-3 भेजने की तैयारी, लैंडर-रोवर के साथ होगा रवाना

नई दिल्ली। भारत का चंद्रयान-3 अगले साल की शुरुआत में रवाना किया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं होगा, केवल लैंडर और रोवर ही इसका हिस्सा होंगे।

चंद्रयान-2 के रिपीट मिशन की निभाएगा भूमिका

अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे जितेंद्र सिंह ने कहा, ‘चंद्रयान-3 की लांचिंग 2021 की शुरुआत में होगी। यह चंद्रयान-2 के रिपीट मिशन जैसा होगा, जिसमें उसी की तरह लैंडर और रोवर होंगे। चंद्रयान-3 में ऑर्बिटर नहीं होगा।’ चंद्रयान-2 को 22 जुलाई, 2019 को लांच किया गया था। इसके लैंडर-रोवर को सात सितंबर, 2019 को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरना था, लेकिन आखिरी क्षणों में क्रैश लैंडिंग हो गई थी। इसका ऑर्बिटर सही तरह से काम कर रहा है और महत्वपूर्ण डाटा भेज रहा है। चंद्रयान-2 की क्रैश लैंडिंग के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने इस साल के आखिर तक चंद्रयान-3 को भेजने की योजना बनाई थी, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इसमें देरी हो रही है।

चंद्रयान-1 ने चांद पर पानी होने के बारे में अहम प्रमाण दिए

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 2008 में लांच किया गया चंद्रयान-1 इसरो का पहला चंद्र अभियान था। इसने चांद पर पानी होने के बारे में दुनिया को अहम प्रमाण दिए थे। चंद्रयान-1 से मिले डाटा ने इस बात का संकेत दिया कि चांद के ध्रुवों पर पानी है। आज दुनियाभर के वैज्ञानिक इस पर शोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत अपने पहले मानव अंतरिक्ष अभियान गगनयान की भी तैयारी कर रहा है। इसके लिए प्रशिक्षण एवं अन्य प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जा रहा है। कोविड-19 के कारण इसमें कुछ दिक्कत आई है, लेकिन पूरा प्रयास है कि पहले से तय समयसीमा के अनुरूप 2022 के आसपास ही इसे अंजाम तक पहुंचा दिया जाए।

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