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महिलाओं की डांट से कितने दुखी होते हैं पुरुष, स्मृति ईरानी ने दिया जवाब

नई दिल्लीः महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा है कि यदि कोई महिला किसी पुरुष की गलती पर नाराज होती है तो उसे पुरुष लंबे समय तक याद रखता है। ईरानी ने मां और पुत्र और परिवार की तीन पीढ़ियों पर लिखी गई मशहूर लेखिका डॉ कृष्णा सक्सेना की पुस्तक  ‘‘व्हिस्पर्स आफ टाइम’ के रविवार शाम विमोचन के मौके पर यह बात कही। उन्होंने कहा कि नये सपने देखने की कोई उम्र नहीं होती है और कुछ विरले ही सपनों को हकीकत में बदल पाते हैं जिसे 91 वर्षीय डॉ सक्सेना ने अपनी लेखनी से इसे साबित कर दिया है।

प्रभात प्रकाशन ने इस पुस्तक को प्रकाशित किया है जिसमें लेखिका ने अपने जीवन के नौ दशकों के निचोड़ को अपनी इस नौवीं पुस्तक में लिखा है। लेखिका ने दशकों के अनुभवों,अहसासों और सोच को पुस्तक में तथ्यात्मक ढंग से प्रस्तुत किया है। पुस्तक के पात्र और घटनाएं दोनों वास्तविक हैं। साधारण शैली में लिखी गई पुस्तक को दिलचस्प बनाए रखने के लिए इसका अंत काल्पनिक है। पुस्तक इस बात को दर्शाती है कि हम और आप किस दिशा में और कहां जा रहे हैं।

इस मौके पर लेखिका ने कहा कि पुस्तक एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी के मूल्यों में परिवर्तन को बारीकी से पिरोकर पेश करती है। उन्होंने कहा कि हमारे समाज में बड़े संयुक्त परिवारों की जगह छोटे एकल परिवारों ने ले ली है। पुरुषों के साथ महिलाएं कंधे से कंधा मिलाकर काम करने के लिए आगे बढ़ रही हैं। यहां तक की सियासत में भी महिलाओं का दखल हो गया। मध्यम वर्ग बड़ा हो गया है और धन-दौलत के साथ असामनता भी बढ़ी है। आबादी बढ़ने के साथ साथ हमारे सामाजिक मूल्यों पर अत्यधिक दबाव डाला है। उन्होंने कहा कि इस पुस्तक को पढ़ने वालों में अधिकतर की प्रतिक्रिया है,‘‘यह तो मेरी या मेरे परिवार की कहानी जैसी है।

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