Breaking
लोकसभा चुनाव 2024: दूसरे चरण की वो 54 सीटें, जो तय करेंगी 2024 के सत्ता का भविष्य ‘मना किया पर अब्बा नहीं माने…’, अतीक के बेटे का बयान खोलेगा उमेशपाल हत्याकांड का बड़ा राज लगता है मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था…मालदा में ऐसा क्यों बोले पीएम मोदी? 20 साल में सबसे ज्यादा सर्च किया गया Inheritance Tax, सैम पित्रोदा भी 5 साल में रहे टॉप पर कर्नाटक ही नहीं, इन 4 राज्यों में भी OBC में शामिल हैं सभी मुस्लिम, देश में क्या है व्यवस्था? Everest या MDH के मसाले ही नहीं, बादाम से अश्वगंधा तक इन 527 भारतीय प्रोडक्ट्स में भी मिला एथिलीन ऑक... अमेठी से राहुल और रायबरेली से प्रियंका गांधी लड़ेंगी चुनाव? अखिलेश ने खोल दिए पत्ते राजस्थान में ऑडियो टेप कांड पर पीएम मोदी का कांग्रेस पर हमला, कहा-युवाओं की क्षमता को बर्बाद कर दिया ‘जम्मू-कश्मीर मुश्किल समय में है, मैं बेजुबानों की आवाज बनने आई हूं’, राजौरी में बोलीं महबूबा मुफ्ती ऑफिस में लोग मुझे बुजुर्ग कहते, तंज कसते, आखिर 25 की उम्र में बदलवाने पड़े घुटने, एक युवा का दर्द

चेक बाउंस होने पर क्या हैं ऑप्शन और आपके कानूनी अधिकार, समझिए सारा प्रोसेस

Cheque Bounce: वित्तीय लेनदेन करने के लिए चेक एक भरोसेमंद माध्यम होता है. चेक बाउंस हो जाने की स्तिथि में बैंक की तरफ से एक रसीद दी जाती है. उसमें आपको चेक बाउंस होने की वजह बताई होती है.

Cheque Bounce: चेक का इस्तेमाल कई तरह के लेनदेन जैसे कि कर्ज अदायगी, वेतन का भुगतान, फी आदि भरने में किया जाता है. चेक की प्रक्रिया बैंकों की तरफ से पूरी की जाती है और रोजाना निपटारा किया जाता है. चेक का भुगतान प्रमाण प्राप्त करने के कारण भी जारी किए जाते हैं. चेक भुगतान का एक विश्वसनीय तरीका है. चेक का गलत इस्तेमाल न हो इससे बचने के लिए हमेशा चेक को क्रॉस चेक करने की सलाह दी जाती है.

चेक बाउंस होना देनदार को पड़ सकता है भारी

चेक देने वाले व्यक्ति और उस साइन करने वाले व्यक्ति को देनदार कहा जाता है. जिसके पक्ष में में चेक जारी किया जाता है उसे लेनदार कहते हैं. चेक बाउंस होने के मामले बेहद आम हैं. कभी-कभी देखा जाता है कि चेक की रकम का भुगतान नहीं होता और चेक बाउंस हो जाता है, और बैंक उसे वापस लौटा देता है.  चेक बाउंस होने की सूचना देनदार को होना अनिवार्य है. लेनदार को अगर भुगतान एक महीने के अन्दर नहीं मिलता तो ऐसे हालत में देनदार को लीगल नोटिस भेजा जाता है. नोटिस मिलने के बाद अगर नोटिस मिलने के दिन से 15 दिनों तक अदायगी नहीं करता है, तो यह कानून के तहत दंडनीय अपराध है. लेकिन वहीं अगर 15 दिन के अन्दर चेक की रकम की अदायगी हो जाती है तो देनदार पर कोई अपराध नहीं बनता.

3 महीने तक चेक करा सकते हैं कैश

लेनदार मजिस्ट्रेट की अदालत में नोटिस में 15 दिन गुजरने की तारीख से एक महीने के अंदर शिकायत दर्ज करा सकते हैं. अगर इसके बाद भी आपको चेक नहीं प्राप्त होता है या रकम का भुगतान नहीं किया जा सकता है तो देनदार के खिलाफ केस किया जा सकता है. Negotiable Instrument Act 1881 की धारा 138 के मुताबिक चेक का बाउंस होना एक दंडनीय अपराध है और इसके अलावा दो साल की सजा और जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान है. किसी भी चेक की सीमा 3 महीने तक ही रहती है, उसके बाद समय सीमा समाप्त हो जाती है.

लोकसभा चुनाव 2024: दूसरे चरण की वो 54 सीटें, जो तय करेंगी 2024 के सत्ता का भविष्य     |     ‘मना किया पर अब्बा नहीं माने…’, अतीक के बेटे का बयान खोलेगा उमेशपाल हत्याकांड का बड़ा राज     |     लगता है मैं पिछले जन्म में बंगाल में पैदा हुआ था…मालदा में ऐसा क्यों बोले पीएम मोदी?     |     20 साल में सबसे ज्यादा सर्च किया गया Inheritance Tax, सैम पित्रोदा भी 5 साल में रहे टॉप पर     |     कर्नाटक ही नहीं, इन 4 राज्यों में भी OBC में शामिल हैं सभी मुस्लिम, देश में क्या है व्यवस्था?     |     Everest या MDH के मसाले ही नहीं, बादाम से अश्वगंधा तक इन 527 भारतीय प्रोडक्ट्स में भी मिला एथिलीन ऑक्साइड     |     अमेठी से राहुल और रायबरेली से प्रियंका गांधी लड़ेंगी चुनाव? अखिलेश ने खोल दिए पत्ते     |     राजस्थान में ऑडियो टेप कांड पर पीएम मोदी का कांग्रेस पर हमला, कहा-युवाओं की क्षमता को बर्बाद कर दिया     |     ‘जम्मू-कश्मीर मुश्किल समय में है, मैं बेजुबानों की आवाज बनने आई हूं’, राजौरी में बोलीं महबूबा मुफ्ती     |     ऑफिस में लोग मुझे बुजुर्ग कहते, तंज कसते, आखिर 25 की उम्र में बदलवाने पड़े घुटने, एक युवा का दर्द     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए सम्पर्क करें