ब्रेकिंग
धनतेरस पर रिकॉर्ड तोड़ खरीदारी: देशभर में हुआ 1 लाख करोड़ का कारोबार, 60 हजार करोड़ का सोना-चांदी खर... फांसी vs इंजेक्शन: मौत की सज़ा का कौन सा तरीका बेहतर? पवन जल्लाद ने बताया- 'निर्भया के दोषियों को लट... करोड़ों का घोटाला! भू-माफिया ने फर्जी दस्तावेज से हड़पी कडाणा विभाग की जमीन, सरकारी संपत्ति को बताया... शिंदे गुट का सीधा वार: श्रीकांत बोले- 'UBT और MNS सिर्फ बयानबाजी करते हैं, मराठियों के नाम पर सिर्फ ... कोलकाता में ED का बड़ा एक्शन: पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से जुड़े नेटवर्क का खुलासा, मुख्य आरोपी इंदुभ... दिवाली पर खपाने की तैयारी! फरीदाबाद में 222 पेटी अवैध शराब जब्त, गोदाम में टाइल्स के नीचे छिपा रखा थ... धनतेरस पर CM मोहन यादव का तोहफा: किसानों को 'सोलर पंप' की खरीद पर मिली बंपर सब्सिडी, खेती होगी आसान बांके बिहारी का 'खजाना' खुलेगा! धनतेरस पर 54 साल बाद तहखाने का द्वार खुला, गोस्वामी समाज के हंगामे स... बिहार चुनाव का रण! पहले चरण में रिकॉर्डतोड़ ढाई हजार नामांकन, आखिरी 48 घंटों में उम्मीदवारों की लगी ... संसद के करीब बड़ा हादसा! सांसद फ्लैट में लगी भीषण आग, धुआं देख मची अफरा-तफरी, 6 दमकल गाड़ियां मौके प...
देश

टिक टॉक पर प्रतिबंध के मामले मद्रास हाई कोर्ट से स्थानांतरित करने से सुप्रीम कोर्ट का इन्कार

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने चीन के सोशल मीडिया एप टिक टॉक पर प्रतिबंध लगाने से संबंधित मामले मद्रास हाई कोर्ट से शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने से गुरुवार को इन्कार कर दिया।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की पीठ चीन की कंपनी की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी के इस तर्क से सहमत नहीं थी कि मद्रास हाई कोर्ट की मदुरै पीठ में लंबित टिक टॉक से संबंधित सारे मामले तेजी से निपटारे के लिए शीर्ष अदालत में स्थानांतरित कर दिए जाएं।

पीठ ने कहा, ‘हम स्थानांतरण याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं।’ शीर्ष कोर्ट ने कंपनी को किसी प्रकार की राहत न देते हुए यह जरूर कहा कि वह अपनी बात संबंधित हाई कोर्ट में रख सकती है। इसके बाद चीनी कंपनी ने अपनी याचिका वापस ले ली।

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने मद्रास हाई कोर्ट को निर्देश दिया था कि अंतरिम राहत के रूप में टिक टॉक पर लगाया गया प्रतिबंध हटाने के आवेदन पर वह 24 अप्रैल तक फैसला करे। हाई कोर्ट ने 24 अप्रैल को इस एप पर लगाया गया प्रतिबंध इस शर्त के साथ हटा दिया था कि इस पर अश्लील वीडियो नहीं दिखाए जाएंगे।

कोर्ट ने कहा था कि मीडिया रिपोर्टो से यह साफ है कि मोबाइल एप के द्वारा अश्लील साम्रगी दिखाई जा रही थी। बता दें कि इस मोबाइल एप के द्वारा यूजर स्पेशल इफेक्ट के साथ छोटे-छोटे वीडियो बना सकते हैं और एक दूसरे को शेयर कर सकते हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button