ब्रेकिंग
2200 करोड़ के भ्रष्टाचार केस में कैसे फंसे पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक? चार्जशीट के बाद अस्पताल से आ... बरेली: कब्रिस्तान के सामने सो रहे युवक पर सफाईकर्मियों ने पलट दी कचरे से भरी टॉली, दबने से मौत दिल्ली दंगा 2020: पुलिस नहीं कर पाई अपराध साबित… 7 दिन में 30 लोग बरी मान सरकार का अपने ही MLA पर एक्शन, भ्रष्टाचार के मामले में किया गिरफ्तार बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं रहें घर के अंदर…कोरोना के बढ़ते मामले के बीच इस राज्य में एडवाइजरी जारी आंधी-बारिश… दिल्ली में अगले 48 घंटे मौसम का ‘डबल अटैक’, हिमाचल में गिरेंगे ओले, जानें 10 राज्यों का ... भारत पर बुरी नजर डाली तो आंख फोड़ देंगे… अनुराग ठाकुर का पाकिस्तान को चेतावनी आधी रात को सलमान खान के घर में घुसने की कोशिश करने वाली लड़की कौन? जानकर हैरान रह जाएंगे आप ‘प्लीज! 3 बच्चों की मां को मत बनाओ मेरी बीवी…’, चीखता-चिल्लाता रहा दूल्हा, ‘सुहागरात’ ऐसे पड़ी भारी आंधी@80, ताबड़तोड़ गिरे ओले और 2 की मौत… दिल्ली-NCR में मौसम का कहर
देश

बच्चों से बढ़ते दुष्कर्म पर सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, दिशा-निर्देश तय करने की तैयारी

नई दिल्ली। देश में बच्चों से दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लिया है। एक जनवरी से गत 30 जून तक देश में बच्चों से दुष्कर्म की कुल 24,212 घटनाएं हुईं, जिनमें एफआइआर दर्ज है। कोर्ट ने ऐसे मामलों से निपटने के लिए ढांचागत संसाधन जुटाने और अन्य उपाय करने के लिए दिशा-निर्देश तय करने का मन बनाया है। शुक्रवार को मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने वरिष्ठ वकील वी. गिरि को न्यायमित्र नियुक्त किया। कोर्ट ने गिरि से जरूरी दिशा-निर्देश पारित करने के बारे में सुझाव मांगे हैं। मामले पर सोमवार को फिर सुनवाई होगी।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, दीपक गुप्ता व अनिरुद्ध बोस की तीन सदस्यीय पीठ ने मामले पर संज्ञान लेते हुए कहा कि विभिन्न अखबारों और ऑनलाइन प्रकाशन में बच्चों से दुष्कर्म की आयी घटनाओं और आंकड़ों ने उन्हें परेशान और चिंतित कर दिया है। इसके बाद कोर्ट ने सभी राज्यों और उच्च न्यायालयों से बच्चों से दुष्कर्म के मामलों के आंकड़े मंगाए। कोर्ट ने एकत्रित आंकड़ों की जानकारी दी जो कि चौकाने वाली है।

पीठ ने वरिष्ठ वकील वी. गिरि को न्यायमित्र नियुक्त करते हुए कहा कि वह ऐसे मामलों से निपटने के लिए राज्यों को ढांचागत संसाधन जुटाने, कार्यवाही की वीडियो रिकार्डिंग करने जैसे दिशा-निर्देश जारी करने पर अपने सुझाव दें। कोर्ट में मौजूद सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी मामले पर चिंता जताते हुए कहा कि सरकार भी इन मामलों के प्रति संवेदनशील है और वे कोर्ट को इस मामले की सुनवाई में पूरा सहयोग करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने सभी राज्यो से आए आंकड़ों को एकत्रित किया है जिससे पता चलता है कि देश भर में एक जनवरी से तीस जून के बीच बच्चों से दुष्कर्म की कुल 24,212 एफआइआर दर्ज हुईं। इसमें से 11,981 में अभी जांच चल रही है। जबकि 12,231 मामलों में पुलिस आरोपपत्र दाखिल कर चुकी है लेकिन इनमें से ट्रायल सिर्फ 6449 केस का ही चल रहा है। 4871 मामलों में अभी ट्रायल शुरू नहीं हुआ है। ट्रायल कोर्ट ने अभी तक 911 मामलों में फैसला सुनाया है जो कि कुल संख्या का मात्र चार फीसद है।

मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने गत एक जुलाई को रजिस्ट्री से कहा था कि वह राज्यों से मुख्यता दो मुद्दों पर रिपोर्ट एकत्र करे। पहला कि एक जनवरी से अभी तक बच्चों से दुष्कर्म के देश भर मे कुल कितने मामले दर्ज हुए हैं और दूसरा, उनकी जांच व आरोपपत्र दाखिल होने में कितना समय लगा तथा कोर्ट में लंबित होने की क्या स्थिति है। इन चीजों पर एकत्रित आंकड़ों से उपरोक्त स्थिति पता चली। आंकड़ों से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 3457 घटनाएं हुईं जिसमें से 1779 मे अभी जांच चल रही है। मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर है।

उल्लेखनीय है कि निर्भयाकांड के बाद से कानून में संशोधन करके दुष्कर्म के मामलों में मृत्युदंड का प्रावधान किया गया। हाल ही में राजग सरकार की कैबिनेट ने पोक्सो एक्ट में संशोधन को मंजूरी देते हुए बच्चों से दुष्कर्म पर फांसी की सजा का प्रावधान किया है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button