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छत्‍तीसगढ़: मिड डे मील में अंडे की फजीहत, गरमाई राजनीति

रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्कूलों में मिड डे मील में छात्रों को अंडा खिलाने पर सियासत गरम हो गई है। भाजपा समेत कई राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने अंडा खिलाने का विरोध किया है। कवर्धा में कबीरपंथ के अनुयायियों ने रैली निकालकर विरोध दर्ज कराया। उनका कहना था कि शाकाहारी बच्चों को अंडा परोसने से दिक्कत होगी। वहीं, सरकार ने एक बार फिर अपना रुख साफ किया है। आला अधिकारियों ने कहा कि अंडा खाना स्वैच्छिक है। शाकाहारी बच्चों को अंडा नहीं दिया जाएगा। बच्चों में कुपोषण को देखते हुए अंडा खिलाने का निर्णय लिया गया है।

इस बीच, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को छत्तीसगढ़ के कांग्रेस विधायकों ने पत्र लिखकर स्कूलों में संचालित मिड डे मील में अंडा उपलब्ध कराने की योजना की प्रशंसा की है। विधायकों ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के बच्चों में कुपोषण को देखते हुए मिड डे मील में प्रोटीन जैसे तत्व आवश्यक आहार में भरपूर मात्र में शामिल करना आवश्यक है। विधायकों ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से बच्चों को मिड डे मील में सप्ताह में तीन दिन अंडा उपलब्ध कराने का आग्रह किया। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और कोंडागांव से विधायक मोहन मरकाम के नेतृत्व में विधायकों ने विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री से मुलाकात की। मरकाम ने कहा कि इससे जहां राज्य के बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलाने में मदद मिलेगी, वहीं स्वस्थ छत्तीसगढ़ का निर्माण भी किया जा सकेगा।

यह है आदेश :

स्कूल शिक्षा विभाग से इस संबंध में जारी आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि जो बच्चे अंडा खाना नहीं चाहते हैं, उनके लिए दूध या सोया से बनी चीजें उपलब्ध कराई जाएंगी।

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