ब्रेकिंग
‘ऑपरेशन सिंदूर’ तो केवल झांकी, अभी…’ बिहार के मुजफ्फरपुर में गरजे बाबा बागेश्वर 50 मर्डर करने वाला डॉक्टर बाबा का कत्ल पर ज्ञान- जीव हत्या महापाप, पुलिस को कैसे छकाता रहा? इंजीनियर, युद्ध कला में माहिर… कौन था 1.5 करोड़ का इनामी नक्सली बसवराजू, जो मुठभेड़ में हुआ ढेर? भारत को आधुनिक बनाने में निभाई अहम भूमिका… राजीव गांधी की 34वीं पुण्यतिथि पर कांग्रेस ने ऐसे दी श्रद... बाहर से लोग अराजकता फैलाने आए थे… मुर्शिदाबाद हिंसा पर बोलीं ममता बनर्जी लगाई थी ‘झूठी आग’, सच में फैल गई…जंगल के सैकड़ों पेड़ जलकर राख, क्या है कहानी? लखनऊ: मदरसे में 14 साल के छात्र के साथ गंदी हरकत… मौलवी ने की दरिंदगी, शिकायत करने गए परिजन को पीटा द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के खोले गए कपाट, बही आस्था की बयार, श्रद्धालुओं ने लगाए जयकारे भोपाल लव जिहाद केस में बड़ा खुलासा! पीड़िताओं पर बनाया गया धर्मांतरण का दबाव, महिला आयोग ने सीएम-राज... यूरिन पिलाया, नंगे बदन पर खौलता पानी डाला… गर्लफ्रेंड से मिलने गया बॉयफ्रेंड, घरवालों ने हैवानियत की...
देश

15 दिनों में इतने लाख श्रद्धालु कर चुके हैं अमरनाथ यात्रा,16 तीर्थयात्रियों की हुई मौत

जम्मूः अमरनाथ यात्रा के लिए मंगलवार को जम्मू से लगभग चार हजार श्रद्धालुओं का एक और जत्था रवाना हुआ। इस साल एक जुलाई से यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 1.90 लाख से अधिक श्रद्धालु समुद्र तल से 3,888 मीटर ऊपर स्थित बाबा बफार्नी के दर्शन कर चुके हैं। श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के अधिकारियों ने कहा कि एक जुलाई को यात्रा शुरू होने के बाद से अब तक 15 दिनों में 1,93,545 श्रद्धालुओं ने पवित्र शिवलिंग के दर्शन कर लिए हैं। पुलिस ने आज यहां कहा कि 3,967 यत्रियों का एक और जत्था आज सुबह भगवती नगर यात्री निवास से घाटी के लिए दो सुरक्षा काफिले में रवाना हुआ।

पुलिस ने आगे बताया,‘‘इनमें से 1,615 यात्री बालटाल आधार शिविर जा रहे हैं जबकि 2,352 यात्री पहलगाम आधार शिविर जा रहे हैं।’’ श्रद्धालुओं के अनुसार, अमरनाथ गुफा में बर्फ की विशाल संरचना बनती है जो भगवान शिव की पौराणिक शक्तियों की प्रतीक है। तीर्थयात्री पवित्र गुफा तक जाने के लिए या तो अपेक्षाकृत छोटे 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से जाते हैं या 45 किलोमीटर लंबे पहलगाम मार्ग से जाते हैं। बालटाल मार्ग से लौटने वाले श्रद्धालु दर्शन करने वाले दिन ही आधार शिविर लौट आते हैं।

दोनों आधार शिविरों पर हालांकि तीर्थ यात्रियों के लिए हैलीकॉप्टर की भी सेवाएं हैं। स्थानीय मुस्लिमों ने भी हिंदू तीर्थयात्रियों की सुविधा और आसानी से यात्रा सुनिश्चित कराने के लिए बढ़-चढ़कर सहायता की है। एसएएसबी के अधिकारियों के अनुसार, प्राकृतिक कारणों से अब तक 16 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। पवित्र गुफा की खोज सन 1850 में एक मुस्लिम चरवाहा बूटा मलिक ने की थी।

किवदंतियों के अनुसार, एक सूफी संत ने चरवाहे को कोयले से भरा एक बैग दिया था, बाद में कोयला सोने में बदल गया था।लगभग 150 सालों से चरवाहे के वंशजों को पवित्र गुफा पर आने वाले चड़ावे का कुछ भाग दिया जाता है।इस साल 45 दिवसीय अमरनाथ यात्रा का समापन 15 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा के साथ होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button