राज्यपाल ने फिर दी डेडलाइन, कांग्रेस ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

बेंगलुरु। Karnataka political Crisis कर्नाटक में एक पखवाड़े से चल रहा सियासी नाटक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। स्पीकर की ओर से अभी तक फ्लोर टेस्ट को लेकर वोटिंग नहीं कराई गई है। इस पर राज्यपाल वजूभाई वाला ने कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार को एकबार फिर बहुमत साबित करने के लिए शुक्रवार शाम छह बजे तक का वक्त दिया है। इधर कांग्रेस ने राज्यपाल की दखलंदाजियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडूराव ने याचिका देकर सर्वोच्च न्यायालय से 17 जुलाई का आदेश स्पष्ट करने के लिए कहा है। कांग्रेस नेता ने याचिका में गुजारिश की है कि कोर्ट स्पष्ट करे कि 15 विधायकों को सदन की कार्यवाही से छूट देने का आदेश पार्टी व्हिप जारी करने के संवैधानिक अधिकार पर लागू नहीं होता है।
इससे पहले राज्यपाल ने कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार को बहुमत साबित करने के लिए शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे तक का वक्त दिया था। लेकिन आज नेताओं की बहस के कारण यह डेडलाइन बिना किसी फैसले के खत्म हो गई। विधानसभा को संबोधित करते हुए कुमारस्वामी ने अपने संबोधन में भाजपा पर तीखे हमले बोले और कहा कि उनके विधायकों को खरीदने की कोशिशें की गईं। वहीं स्पीकर ने कहा है कि वह फ्लोर टेस्ट को लेकर वोटिंग में देर नहीं कर रहे हैं जो लोग ऐसा आरोप लगा रहे हैं वे पहले अपने अतीत पर भी गौर करें।
हमारे विधायकों को दिए गए 40 से 50 करोड़ के ऑफर
मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने भाजपा पर दल बदल रोधी कानून के उल्लंघन का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि 14 महीने सत्ता में रहने के बाद हम अंतिम चरण में हैं। आइये चर्चा करते हैं। जल्दबाजी किस बात की। हमारे विधायकों को लुभाने के लिए 40 से 50 करोड़ रुपये की पेशकश की गई। यह पैसे किसके हैं। हमारी पार्टी के विधायक श्रीनिवास गौडा (Srinivas Gowda) ने आरोप लगाया है कि उन्हें भाजपा की ओर से सरकार गिराने के लिए पांच करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया। कुमारस्वामी ने कहा कि आपकी सरकार उन लोगों के साथ कितनी स्थिर होगी जो अभी आपकी मदद कर रहे हैं। इस बात को मैं भी देखूंगा।
Live Update-
5:30PM: एच डी कुमारस्वामी ने भी सुप्रीम कोर्ट का रुख किया और राज्यपाल के पत्र को चुनौती दी। इसमें उन्हें आज दोपहर 1.30 बजे विश्वास मत साबित करने के लिए कहा गया था।
4:50PM:मैं आपके (अध्यक्ष) ऊपर फ्लोर टेस्ट पर निर्णय छोड़ता हूं। यह दिल्ली द्वारा निर्देशित नहीं होना। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि राज्यपाल द्वारा भेजे गए पत्र से मेरी सरकार की रक्षा करें।
4:45PM: कुमारस्वामी ने कहा कि राज्यपाल के प्रति मेरे मन में सम्मान है, लेकिन गवर्नर के दूसरे पत्र ने मुझे आहत किया है। उन्हें केवल 10 दिन पहले हार्स ट्रेडिंग के बारे में पता चला। इसके बाद उन्होंने पूर्व सीएम और बीजेपी नेता बी. एस. येदियुरप्पा के पीए संतोष की निर्दलीय विधायक एच. नागेश के साथ हवाई जहाज में चढ़ते वक्त की कथित तस्वीर दिखाते हुए बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप दोहराया।
04.00PM: कर्नाटक के गवर्नर वजुभाई वाला ने मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी को पत्र लिखकर शाम छह बजे से पहले बहुमत साबित करने के लिए कहा है।
01.22PM: सीएम कुमारस्वामी ने विधानसभा अध्यक्ष से कहा कि अब आपको यह तय करना होगा कि क्या बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल द्वारा दी गई समय सीमा (शुक्रवार दोपहर 1.30 बजे) निर्धारित की जाए या नहीं। कुमारस्वामी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से साफ है कि राज्यपाल विधानमंडल के लोकपाल के तौर पर काम नहीं कर सकते हैं।
01.10PM: विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस विधायक श्रीमंत पाटिल ने राज्यपाल को पत्र लिखकर कहा है कि वह निजी काम से चेन्नर्इ गए। उन्हें सीने में दर्द हुआ तो अस्पताल गए जहां से डॉक्टर की सलाह पर मुंबई आए और वहां अस्पताल में भर्ती हो गए। इसलिए वह विधानसभा सत्र में नहीं आ सकते हैं। पाटिल ने बताया है कि उन्हें भाजपा ने अगवा नहीं किया था।
12.45PM: मुंबई पुलिस ने कर्नाटक पुलिस को सेंट जॉर्ज अस्पताल में भर्ती कांग्रेस विधायक श्रीमंत पाटिल का बयान लेने की अनुमति दी।
12.00PM: कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने कहा कि मेरे चरित्र पर सवाल उठाने वाले लोग एकबार खुद को देखें कि उनका जीवन कैसा रहा है। मेरे पास दूसरों की तरह लाखों रुपये नहीं हैं। इतने अपमान के बाद भी मैं पार्टी से ऊपर उठकर फैसला ले सकता हूं।
10.30AM: कर्नाटक पुलिस (Karnataka Police) मुंबई पुलिस (Mumbai Police) के साथ मुंबई के सेंट जॉर्ज अस्पताल (St. George Hospital) पहुंची, जहां कर्नाटक कांग्रेस के विधायक श्रीमंत पाटिल (Shrimant Patil) भर्ती हैं।
10.20AM: भाजपा नेता बीएस येद्दयुरप्पा (BS Yeddyurappa) ने विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई है। इधर, कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन (Nasir Hussain) ने कहा कि मुझे लगता है कि कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट का रुख करना चाहिए ताकि राज्यपाल विधानसभा अध्यक्ष के मामले में दखल न दे सकें।
09.30AM: उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि भाजपा विधायक पूरी रात धरने पर थे। हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनके लिए भोजन और अन्य चीजों का इंतजाम करें। कुछ लोगों को डायबीटीज और ब्लड प्रेशर की समस्य है, इसलिए हमने सारी चीजों का इंतजाम किया है। राजनेता के अलावा हम मित्र भी हैं, यही लोकतंत्र की खूबसूरती है।
09.20AM: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने भाजपा विधायक सुरेश कुमार के साथ विधानसभा परिसर में नाश्ता किया।
Highlites-
लोकसभा में हंगामा, कांग्रेस ने वाकआउट किया
कर्नाटक में जारी राजनीतिक संकट को लेकर कांग्रेस और सहयोगी दलों के सदस्यों ने शुक्रवार को लोकसभा में हंगामा किया और सत्तारूढ़ भाजपा पर चुनी हुई सरकारों को गिराने का आरोप लगाते हुए सदन से वाकआउट किया। सदन में प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस, राकांपा और द्रमुक के सांसदों ने आसन के निकट पहुंचकर नारेबाजी की। शून्यकाल में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने आरोप लगाया कि भाजपा राज्यों में विरोधी दलों की चुनी सरकारों को गिराने की साजिश रच रही है। राज्यपाल विधानसभा अध्यक्ष के काम में हस्तक्षेप नहीं कर सकते। यह लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। सदन में बसपा के नेता कुंवर दानिश अली ने विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया जिस पर हंगामा हुआ।
स्पीकर बोले, वोटिंग में नहीं कर रहा देर
इस बीच विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि वह शक्ति परीक्षण को लेकर वोटिंग में देर नहीं कर रहे हैं। जो लोग मुझ पर फ्लोर टेस्ट को लेकर गलत आरोप लगा रहे हैं वे पहले अपनी पृष्ठभूमि भी देख लें। उन्होंने यह भी कहा कि अब आगे कोई बहस की जरूरत नहीं है। मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में राज्यपाल ने कहा कि कांग्रेस-जदएस के 15 विधायकों के इस्तीफे, दो निर्दलीय विधायकों के सरकार से समर्थन वापस लेने और पहली नजर में अन्य परिस्थितियों से संकेत मिलता है कि मुख्यमंत्री बहुमत या सदन का विश्वास खो चुके हैं। भारतीय संविधान द्वारा संचालित लोकतांत्रिक व्यवस्था में यह नहीं चल सकता।
फिर जल्दबाजी किस बात की
विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने जब सदन की कार्यवाही शुरू करते यह साफ किया विश्वासमत के अलावा किसी अन्य चर्चा की कोई गुंजाइश नहीं है, जिसके बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने अपने भाषण की शुरुआत की। कुमारस्वामी ने विधानसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वह अपनी सरकार को बचाने के लिए सत्ता का दुरुपयोग नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि पहले दिन से ही ऐसा माहौल बनाया गया कि यह सरकार गिर जाएगी। 14 महीने सत्ता में रहने के बाद हम अंतिम चरण में हैं। आइये चर्चा करते हैं। आप अभी भी सरकार बना सकते हैं। आप सोमवार या मंगलवार को भी यह कोशिश कर सकते हैं। फिर जल्दबाजी किस बात की।
फिर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी
फ्लोर टेस्ट के लिए आंकड़ों पर नजर डालें तो माना जा रहा है कि कुमारस्वामी की सरकार बहुमत खो चुकी है। हालांकि वह अभी हार को मानने के मूड में नहीं दिख रहे हैं। राज्य सरकार राज्यपाल के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख सकती है। उधर, भाजपा भी सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी में है। कांग्रेस सांसद नासिर हुसैन (Nasir Hussain) ने इसके संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि मुझे लगता है कि कांग्रेस को सुप्रीम कोर्ट का रुख करना चाहिए ताकि राज्यपाल विधानसभा अध्यक्ष के मामले में दखल न दे सकें।
बिना व्हिप अधिकार कैसे हो बहुमत परीक्षण: कांग्रेस
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने सवाल किया है कि कर्नाटक में बहुमत परीक्षण कैसे कराया जा सकता है जबकि राजनीतिक पार्टी के व्हिप जारी करने के अधिकार को अदालत के आदेश से निष्प्रभावी कर दिया गया है। सुरजेवाला ने गुरुवार को कहा कि सुप्रीम कोर्ट के बुधवार के आदेश से जितने जवाब नहीं मिले हैं उससे ज्यादा सवाल खड़े हो गए हैं। इसके अलावा फैसले को लागू करने को लेकर भी कई चिंताएं हैं। उन्होंने कहा कि शक्ति विभाजन का सिद्धांत न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका को न सिर्फ अलग करता है, बल्कि एक दूसरे के कामकाज में हस्तक्षेप को भी प्रतिबंधित करता है।
राज्यपाल ने कहा था पहले ही दिन कराएं वोटिंग
सत्तारूढ़ कांग्रेस-जदएस गठबंधन सरकार के इरादे भांपकर भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल वजुभाईवाला से मुलाकात कर मांग की थी कि वह स्पीकर रमेश कुमार को गुरुवार को ही वोटिंग कराने का निर्देश दें। स्पीकर ने बताया कि उन्हें राज्यपाल ने मतदान गुरुवार को ही कराने की सलाह दी है। हालांकि देर शाम तक बहस चलने के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। दिन में भाजपा नेताओं ने आशंका प्रकट की थी कि कुमारस्वामी सरकार अंतिम समय की जोड़तोड़ जारी रखने के लिए बहस को लंबा खींच सकती है। यही बात उन्होंने राज्यपाल से भी कही थी।