कर्नाटक के नाटक में तारीख पर तारीख, फिर टला बहुमत परीक्षण

नई दिल्ली: कर्नाटक में विश्वास प्रस्ताव को लेकर जारी सियासी जंग की मियाद और बढ़ गई है। शुक्रवार देर शाम राज्यपाल वजुभाई वाला के निर्देश को दरकिनार करते हुए विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने सदन की कार्यवाही 22 जुलाई (सोमवार) तक के लिए स्थगित कर दी। अब विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग सोमवार को होगी। इससे पहले दोपहर में राज्यपाल ने मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी को चिट्ठी लिखकर शाम 6 बजे तक बहुमत साबित करने का निर्देश दिया था।
इसके बाद राज्यपाल की चिट्ठी के खिलाफ कुमारस्वामी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। उन्होंने राज्यपाल द्वारा विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के लिए डैडलाइन तय करने पर आपत्ति जताते हुए कोर्ट से कहा कि वह विधानसभा की कार्यवाही में दखल नहीं दे सकते। वहीं सदन में विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग शुक्रवार को ही कराने को लेकर भाजपा-कांग्रेस विधायकों में जमकर बहस हुई। भाजपा विधायकों ने मामले को लंबा खींचने पर सवाल उठाते हुए कहा कि इससे विश्वास प्रस्ताव की शुचिता प्रभावित होगी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी.एस. येद्दियुरप्पा ने स्पीकर से यहां तक कह दिया कि प्रक्रिया में जितना समय लगता है लगने दें। उनकी तरफ के लोग देर रात सदन में शांति से बैठने को तैयार हैं। वहीं, कांग्रेस-जद (एस) विधायकों ने सदन की कार्यवाही को सोमवार या फिर मंगलवार तक स्थगित करने की मांग की थी। हालांकि, तब इसे स्पीकर ने खारिज कर दिया था और कहा था कि उन्हें दुनिया का सामना करना है। इसके अलावा स्पीकर ने प्रक्रिया को जल्द खत्म करने की इच्छा जताते हुए कहा था कि विश्वास प्रस्ताव पर काफी विचार-विमर्श हो चुका है और अब वह इस प्रक्रिया को आज (शुक्रवार को) ही खत्म करना चाहते हैं।
इससे पहले राज्यपाल वजुभाई वाला ने वीरवार को कर्नाटक विधानसभा के स्पीकर के.आर. रमेश कुमार को पहला खत लिखकर कहा था कि वह वीरवार को ही विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराए। यहां भी राज्यपाल की सलाह को अनसुना करते हुए डिप्टी स्पीकर ने वीरवार रात को सदन की कार्यवाही को अगले दिन तक के लिए स्थगित कर दिया था। विरोध में भाजपा सदस्यों ने रातभर सदन में धरना दिया। भाजपा विधायकों ने वीरवार रात को विधानसभा में ही खाना खाया और वहीं पर सोए भी।
राज्यपाल की दूसरी चिट्ठी के बाद मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा कि गवर्नर के दूसरे ‘लव लेटर’ से उन्हें दुख पहुंचा है। विधानसभा में मुख्यमंत्री ने कहा कि वह गवर्नर का सम्मान करते हैं लेकिन उनके दूसरे ‘लव लैटर’ से उन्हें कष्ट हुआ है। इसके बाद उन्होंने येद्दियुरप्पा के पी.ए. संतोष की निर्दलीय विधायक एच. नागेश के साथ हवाई जहाज में चढ़ते वक्त की कथित तस्वीर दिखाते हुए भाजपा पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप दोहराया।