ब्रेकिंग
पन्ना के 50 करोड़ के 'हीरे' का राज़ खुला! खनिज अधिकारियों की टीम ने सुलझाया सस्पेंस, क्या था पूरा रह... धार में चमत्कार! रातों-रात अरबपति बना आम शख्स, खाते में आ गई 2800 करोड़ से ज़्यादा की रकम झारखंड में बड़ा स्वास्थ्य घोटाला: थैलेसीमिया पीड़ित 5 बच्चों को चढ़ा HIV संक्रमित ब्लड, रिपोर्ट पॉजि... CM मोहन यादव का तत्काल एक्शन! गंभीर BJP नेता मुकेश चतुर्वेदी को ग्वालियर वेदांता में कराया एयरलिफ्ट,... समाज के लिए आस्था! 8 साल से छठी मैया का व्रत रख रही बलिया की किन्नर, बेहद दिलचस्प है उनके त्याग और भ... असिन के पति हैं ₹1300 करोड़ के मालिक, एक्ट्रेस असिन की संपत्ति जान उड़ जाएंगे आपके होश! रात में बल्ब के पास मंडराने वाले कीटों से हैं परेशान? अपनाएं ये 5 अचूक घरेलू उपाय, तुरंत मिलेगी राहत हमास से हुआ सीजफायर, फिर क्यों गाजा में अभी भी हमले कर रहा इजराइल? क्रिएटर्स को बड़ी राहत! Reels के दीवानों के लिए आया नया फीचर, अब ये दिक्कत नहीं आएगी सामने वास्तु शास्त्र: भूलकर भी घर की छत पर न रखें ये 5 चीजें, हो सकते हैं कंगाल, तुरंत हटा दें।
देश

जनप्रतिनिधियों ने महाकवि कालिदास को किया याद, महोत्सव पर विराम

बिलासपुर-अंबिकापुर। आषाढ़ के पहले दिन आयोजित होने वाला रामगढ़ महोत्सव पर इस साल भी विराम लग गया है। महाकवि कालिदास की अमर कृति मेघदूतम की रचनास्थली रामगढ़ को ही मानी जाती है। महोत्सव का आयोजन नहीं होने के कारण लोगों ले केवल ऐतिहासिक व पुरातात्विक महत्त्व से जुड़े स्थलों का भ्रमण किया

विकासखंड उदयपुर के रामगढ़ चौक पर स्थित महाकवि कालिदास की प्रतिमा पर जनप्रतिनिधियों द्वारा माल्यार्पण किया गया। कार्यक्रम के दौरान जनपद अध्यक्ष भोजवंती सिंह, मंत्री प्रतिनिधि सिद्धार्थ सिंह देव, राजनाथ सिंह जिला पंचायत सदस्य , राजीव सिंह, द्वारिका यादव , राम सिंह , आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष ओमप्रकाश सिंह, मुख्य कार्यपालन अधिकारी पारस पैकरा, जनपद सदस्य शांति राजवाड़े तथा अन्य लोग उपस्थित रहे।

बता दे कि हर वर्ष आषाढ़ के प्रथम दिन के अवसर पर भव्य मेला एवं संगोष्ठी का आयोजन सीता बेंगरा में प्रशासनिक आयोजन होता था परंतु विगत दो वर्षों से कोरोना की वजह से यहां पर किसी भी प्रकार का मेला संगोष्ठी नहीं हो रहा है । स्थानीय लोगों को इस बात का मलाल भी है की शासन द्वारा बड़े पैमाने पर मैनपाट महोत्सव तो करा लिया जाता है परंतु रामगढ़ की सुध ही नहीं है।पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो रहा रामगढ़ छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी परियोजना राम वन गमन परिपथ में भी शामिल है परंतु इसकी उपेक्षा समझ से परे है ।

मेले का आयोजन प्रशासनिक तो नही हुआ परंतु लोगों की आस्था यहां के लिए कम नहीं हुई। प्रथम आषाढ़ के दिन कालिदास की मेघदूतम के रचना स्थली और प्राचीनतम नाट्यशाला सीता बेंगरा को देखने हजारों की संख्या में ग्रामीण पहुंचे और सीता बेंगरा, हथफोड़ जोगीमाड़ा गुफाओं का दर्शन कर वापस अपने गंतव्य की ओर चले गए। बच्चों एवं महिलाओं की पार्क में भीड़ देखी गयी।

Related Articles

Back to top button