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बृहस्पत पर नेताम का तंज, जिस छलनी में 36 छेद, वो क्या करेगा बात- विभेद

रायपुर: छत्‍तीसगढ़ के सरगुजा के सम्पूर्ण आदिवासी समाज को विधायक बृहस्पत सिंह द्वारा अंगूठा छाप आदिवासी कहे जाने पर भाजपा जनजाति मोर्चा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम ने कड़े शब्दों में निंदा की है। सांसद रामविचार नेताम ने आगे कहा है कि जिस आदिवासी समाज के रहमो-करम से विधायक जैसे महत्वपूर्ण पद पर आसीन है, उन्हें ही लताड़ना मानसिक दिवालियापन का स्पष्ट उदाहरण प्रदर्शित करता है।
मुझे नहीं लगता कि कोई सच्चा आदिवासी उनके इस कथन से आक्रोशित न हो, खुद आदिवासी होकर सम्पूर्ण आदिवासी समाज के प्रति ऐसी दुर्भावना रखते हैं, इससे उनके दिमाग की स्थित समझ में आ रही है। वे अपने ही समाज के प्रति ऐसी भावना रखते हैं और समाज को अंगूठा छाप कहते हैं। इस बयान पर उनके खिलाफ निंदा जैसे शब्‍द भी किसी काम के नहीं, ये शब्द भी शायद कम पड़ जाएंगे। विधायक के ऐसे घिनोने कृत्य से सम्पूर्ण आदिवासी समाज को चिंतन करना होगा, ताकि कोई भी व्यक्ति आदिवासी समाज से ऊपर उठकर इस प्रकार का दुस्साहस दोबारा न कर सके।
लोकतंत्र के चौथे मजबूत स्तम्भकार पत्रकारों को भी अपनी दिमागी हालत ठीक किए जाने के विधायक बृहस्पत सिंह द्वारा दिए गए नसीहत पर भी सांसद नेताम ने कड़े शब्‍दों में नाराजगी जाहिर की है। आगे कहा कि मुझे नहीं मालूम नहीं था कि मेरे द्वारा विधायक को मानहानि की चेतावनी दिए जाने के बाद से उनका मानसिक संतुलन वास्तव में और बिगड़ जाएगा। यह तो वही बात हो गई कि “जिस छलनी में 36 छेद, वो क्या करेगा बात –विभेद” ।

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