उद्योग विभाग के सूत्रों का कहना है मप्र  में भोपाल के आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश की अपार संभावनाएं है। इसको देखते हुए नई इंडस्ट्री को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने जमीनें देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसमें लकड़ी स्टील यूपी के बुलंदशहर में संचालित खुर्जा की क्रॉकरी इंडस्ट्री गारमेंट्स बेकरी प्रोडक्ट में ब्रेड पाव व अन्य खाद्य सामग्री की फैक्टरी और प्लांट लगाए जाएंगे। इसके लिए करीब 500 एकड़ जमीन दी जा रही है। 230 एकड़ जमीन अचारपुरा और बांदीपुरा में दी जाएगी। जबकि गोविंदपुरा इंडस्ट्रियल एरिया में संचालित फर्नीचर और लकड़ी इंडस्ट्री को ही 198 एकड़ जमीन बांदीपुरा में दी जा रही है। इसमें सैकड़ों की संख्या में नई फैक्ट्री और प्लांट लगाए जाएंगे। हर तरह के प्लास्टिक उद्योग के लिए पांच एकड़ जमीन अचारपुरा में दी जा रही है।

लाखों लोगों को मिलेगा रोजगार
प्रदेश में रोजगार के मद्देनजर उन उद्योगों को जल्द से जल्द स्थापित करने जमीनें आवंटित की जा रही हैं जिनसे लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सके। भोपाल ही नहीं आस-पास जिलों के लोगों को भी यहां रोजगार मिलेगा। जिला उद्योग केंद्र के अफसरों के साथ मिलकर नए उद्योगों को जमीनें आवंटित करते जा रहे हैं। उम्मीद है कि आने वाले तीन साल के भीतर शहर के अलग-अलग इलाकों में नई इंडस्ट्री लग जाएंगी। नई इंडस्ट्री के लगने के बाद करीब 1 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिल सकेगा। ग्राम अगरिया छापर में लगभग 200 एकड़ पर औद्योगिक क्लस्टर बनाया जा रहा है। इसमें 450 से अधिक इंडस्ट्री को जगह दी जाएगी। यहां पर करीब 950 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश होगा। करीब 12 हजार से ज्यादा लोगों को यहां रोजगार से जोड़ा जाएगा। 6 अन्य .. क्लस्टर जैसे फूड प्लास्टिक फार्मा मेडिकल डिवाइस मल्टी प्रोडक्ट एवं रेडीमेड गारमेंट क्लस्टर स्थापित होंगे। इसमें 600 करोड़ का निवेश और 10 हजार लोगों को रोजगार दिया जाना है। वहीं आनंद नगर रायसेन रोड में शमां फूड पार्क में 25 करोड़ का निवेश होगा जिससे 600 को रोजगार मिलेगा। बैरसिया में चित्रांश सेल्स कॉर्पोरेशन द्वारा 6.004 एकड़ जमीन पर फूड प्रोसेसिंग क्लस्टर की स्थापना की जा रही है।

अचारपुरा में लगेगी 161 इंडस्ट्री
भोपाल के औद्योगिक क्षेत्र अचारपुरा में 161 इंडस्ट्री लगाने की योजना है। यहां करीब 300 करोड़ निवेश आएगा। यहां पर करीब 1656 लोगो को रोजगार से जोडऩे की योजना है। गोकुलदास एक्सपोर्टस द्वारा रेडीमेड गारमेंटस का निर्माण करने के लिए 40 करोड़ का निवेश किया गया है। यहां पर करीब 2 हजार स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। वहीं जेल रोड पर स्थित बड़वई के पास स्थित आईटी पार्क में 207 एकड़ में 119 इंडस्ट्री में करीब 250 करोड़ का निवेश होगा। 15 हजार से ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। यहां पर प्रमुख आईटी कंपनियां जैसे टेक्नो टास्क द्वारा 100 करोड़ का निवेश किया जाएगा। अन्य आईटी कंपनी जैसे एचएलबीएस आरटेक गोल्ड डस्ट सदर लैंड की प्रमुख इकाइयां निवेश करेंगी। फाइनेंसियल ईयर 2022-23 में गोविंदपुरा कालीपरेड इंडस्ट्रियल एरिया में 42 नई इंडस्ट्री लगेंगी। इसमें करीब 36 करोड़ का निवेश होगा। लगभग नए 600 लोगो को रोजगार दिया जाएगा। बगरोदा में कुल 440 इंडस्ट्री को जगह दी जाएगी। यहां पर करीब 220 करोड़ निवेश होगा। यहां पर 4155 लोगों को रोजगार दिया जाएगा। सूखी सेवनिया के पास स्वस्तिक लॉजिस्टिक 50 करोड़ रु. आकांक्षा इंडस्ट्रीज 50 करोड़ रु. कोचर इण्ड. 50 करोड़ रु. काकडा ग्रुप 250 करोड़ का निवेश किया जा रहा है। बीनापुर औद्योगिक क्षेत्र में 50 एकड़ पर बी फाक इंडस्ट्री द्वारा पोट्री निर्माण शुरू किया जा रहा है यहां पर 150 करोड़ रुपए का निवेश हो सकता है।

147 एकड़ में व्हीकल इंडस्ट्री
बगरोदा में ही 147 एकड़ में व्हीकल इंडस्ट्री के लिए जगह दी जा रही है। यहां पर मार्शल लॉजिस्टिक 25 करोड़ रु. वीवा लॉजिस्टिर 25 करोड़ रु. सनमार्क फूड 25 करोड़ रु. सनफील्ड इंडस्ट्री 50 करोड़ रु. वेल मार्क इण्डस्ट्रीज 25 करोड़ रु. ल्युमेक्स 25 करोड़ रु. महिन्द्रा लॉजिस्टिक 25 करोड़ रु. निवेश करेगी। पहले चरण में यहां पर कमर्शियल 10 हजार गाडिय़ों का प्रोडक्शन हर साल किया जाएगा। इसके लिए करीब 1450 करोड़ निवेश होगा। इससे करीब 5 हजार नए लोगों को रोजगार मिलेगा। भोपाल के आस-पास ग्राम अगरिया में लगभग 100 एकड़ गोकलकुंडी एवं पातालपुर में 80 एकड़ पर एग्रो एंड फूड पार्क औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना की जाना है। राधा शरण गोस्वामी द्वारा ग्राम आदमपुर में 18089 मीटर रकबे में मेडिकल डिवाइस इक्विपमेंट निर्माण के लिए बहुमंजिला औद्योगिक क्लस्टर की स्थापना की जा रही है। इन प्रयासों से भोपाल में फार्मा इंडस्ट्री के क्षेत्र में बढ़ोतरी हो सकेगी। वहीं ज्यादातर फैक्टरी और उद्योगों को चलाने के लिए जमीनें शहर से कुछ दूर दी जा रही हैं। इससे शहर में कम प्रदूषण होगा। गोविंदपुरा से लकड़ी और प्लास्टिक इंडस्ट्री शिफ्ट होने से ही प्रदूषण से काफी राहत मिलेगी। यहां से गंदे पानी की निकासी के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की जा रही हैं। बिजली कंपनी लाइटिंग के लिए लाइनें बिछाकर ट्रांसफार्मर लगाएगी।