इधर मौसम विभाग ने 13 जनवरी के बाद मौसम और खराब होने के आसार व्यक्त किए हैं। पश्चिम विक्षोभ के असर से 13 14 एवं 15 जनवरी को बादल और बारिश होने के आसार हैं। इस समय उत्तर-पूर्वी हवाएं चल रहीं हैं। एक के बाद एक पश्चिम विक्षोभ आने से उत्तर भारत में बर्फबारी का दौर है।
पाला पडऩे से फसलों को नुकसान
मौसम विज्ञानियों ने बताया कि उत्तर भारत के बड़े हिल स्टेशनों के उलट एमपी में आसमान साफ है। इसकी वजह से बर्फीली हवाएं सीधा असर दिखा रहीं हैं। मौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि तापमान जब 4 डिग्री या उससे कम पर पहुंच जाए तो उसे पाला पडऩा कहा जाता है। पाला पडऩे से फसलों को नुकसान पहुंचता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि पाला पडऩे से मसूर और तुअर को नुकसान ज्यादा होगा। एक्सपर्ट के मुताबिक पाले से पडऩे से तुअर और मसूर को 40 प्रतिशत तक नुकसान हो सकता है जबकि मटर को 15 प्रतिशत नुकसान पहुंच सकता है। गेहूं और चने को भी इस स्थिति में करीब 10 प्रतिशत नुकसान हो सकता है।