ब्रेकिंग
‘काम करवाने के बाद विधायक जी नहीं दे रहे पैसा…’ CM पोर्टल पर मजदूरों की गुहार भगवा टीशर्ट पहनी, लिखा- अवैध वसूली से मुक्त करो… कानपुर में अपनी ही मेयर के खिलाफ उतरे BJP पार्षद ‘यमराज से भी लड़ेंगे’, बीमार पत्नी ऑक्सीजन सपोर्ट पर, पति 4 साल से कंधों पर ढो रहा सिलेंडर… विजय की अ... खतरों का खिलाड़ी! ट्रेन के पहियों के बीच बैठा शख्स, किया सफर; रेलवे ने देखा तो उड़े होश ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का यात्रियों को तोहफा, घट गया एसी बसों का किराया… अब कितना लगेगा चार्ज? नया गोरखपुर बसाने के सपने पर खनन माफिया का डाका, खोद ले गए लाखों की मिट्टी इस अफ्रीकी देश में चुनावी धांधली से भड़की हिंसा, मौका देख जेल से भागे 1500 कैदी एक झील, 3 लाशें, महिला कांस्टेबल और एसआई… मर्डर या सुसाइड में उलझी तेलंगाना पुलिस सलमान खान ने सबके सामने खुद पर बरसाए थे कोड़े, सेट पर हर कोई रह गया था दंग कांग्रेस में RSS की सोच वालों को खोजकर निकालना होगा… CWC में राहुल गांधी का बड़ा बयान

‘शादी के आधार पर महिलाओं को नौकरी से नहीं निकाल सकते’ : सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला

महिलाओं के हित में सुप्रीम कोर्ट ने आज एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया। एक केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि शादी के आधार पर महिलाओं को नौकरी से नहीं निकाला जा सकता। महिला कर्मियों को शादी के अधिकार से वंचित करने का आधार बनाने वाले नियम असंवैधानिक है।  कोर्ट ने केंद्र को शादी के आधार पर सेवा से बर्खास्त की गई  सैन्य नर्सिंग अधिकारी को 60 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश भी दिया। बता  दें कि याचिकाकर्ता सेलिना जॉन 26 साल से यह लड़ाई लड़ रही थी।

याचिकाकर्ता सैन्य नर्सिंग सेवाओं के लिए चुनी गई थी।और वह दिल्ली के आर्मी अस्पताल में प्रशिक्षु के रूप में शामिल हुई थी।  उन्हें NMS में लेफ्टिनेंट के पद पर कमीशन दिया गया था। उसने एक सेना अधिकारी मेजर विनोद राघवन के साथ विवाह कर लिया, जिसके बाद लेफ्टिनेंट  के पद पर सेवा करते समय उन्हें सेना से रिलीज कर दिया गया। संबंधित आदेश ने बिना कोई कारण बताओ नोटिस या सुनवाई का या  मामले का बचाव करने का अवसर दिए बिना उनकी नौकरी को खत्म कर दिया।

मामला सशस्त्र बल ट्रिब्यूनल, लखनऊ में पहुंचा तो आदेश को रद्द कर दिया था और सभी परिणामी लाभ और बकाया वेतन भी प्रदान कर दिया था। इसके साथ ही ट्रिब्यूनल ने उसकी सेवा बहाली की भी इजाजत दे दी। जिसके बाद  केंद्र ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया. शुरुआत में अदालत ने कहा कि ये नियम केवल महिलाओं पर लागू होते हैं और इन्हें ‘स्पष्ट रूप से मनमाना’ माना जाता है।  यह नियम केवल महिला नर्सिंग अधिकारियों पर लागू था. इस तरह का नियम स्पष्ट रूप से मनमाना था, क्योंकि महिला की शादी हो जाने के कारण रोजगार समाप्त करना लैंगिक भेदभाव और असमानता का एक बड़ा मामला है।

‘काम करवाने के बाद विधायक जी नहीं दे रहे पैसा…’ CM पोर्टल पर मजदूरों की गुहार     |     भगवा टीशर्ट पहनी, लिखा- अवैध वसूली से मुक्त करो… कानपुर में अपनी ही मेयर के खिलाफ उतरे BJP पार्षद     |     ‘यमराज से भी लड़ेंगे’, बीमार पत्नी ऑक्सीजन सपोर्ट पर, पति 4 साल से कंधों पर ढो रहा सिलेंडर… विजय की अनोखी प्रेमी कहानी     |     खतरों का खिलाड़ी! ट्रेन के पहियों के बीच बैठा शख्स, किया सफर; रेलवे ने देखा तो उड़े होश     |     ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट का यात्रियों को तोहफा, घट गया एसी बसों का किराया… अब कितना लगेगा चार्ज?     |     नया गोरखपुर बसाने के सपने पर खनन माफिया का डाका, खोद ले गए लाखों की मिट्टी     |     इस अफ्रीकी देश में चुनावी धांधली से भड़की हिंसा, मौका देख जेल से भागे 1500 कैदी     |     एक झील, 3 लाशें, महिला कांस्टेबल और एसआई… मर्डर या सुसाइड में उलझी तेलंगाना पुलिस     |     सलमान खान ने सबके सामने खुद पर बरसाए थे कोड़े, सेट पर हर कोई रह गया था दंग     |     कांग्रेस में RSS की सोच वालों को खोजकर निकालना होगा… CWC में राहुल गांधी का बड़ा बयान     |