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क्या मॉक पोल में ईवीएम में BJP के पक्ष में अतिरिक्त वोट पड़ा? EC ने SC में दिया जवाब- सुनवाई जारी

EVM-VVPAT मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है. जस्टिस संजीव खन्ना व दीपांकर दत्ता की बेंच मामले की सुनवाई कर रही है. याचिकाकर्ताओं की तरफ से दलील दी गईं कि यह व्यवस्था होनी चाहिए कि वोटर अपना VVPAT स्लिप बैलट बॉक्स में डाले. इस पर जस्टिस खन्ना ने सवाल किया कि वोटर के निजता का क्या होगा? इससे तो पता चल जाएगा कि उसने वोट किसको दिया है? एडवोकेट निजाम पाशा ने कहा कि वोटर की निजता से अधिक जरूरी है उसका मत देने का अधिकार. वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि वीवीपीएट मशीन में लाइट 7 सेकंड तक जलती रहती है, अगर वह लाइट हमेशा जलती रहे तो मतदाता पर्ची कटते, गिरते या अन्य पर्ची कटते हुए देख सकते हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से इस आरोप की जांच करने को कहा कि केरल में मॉक पोल के दौरान इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में भाजपा के पक्ष में अतिरिक्त वोट दर्ज किए गए थे. जस्टिस संजीव खन्ना ने मौखिक निर्देश चुनाव आयोग के वकील मनिंदर सिंह को दिए. इसके बाद चुनाव आयोग ने जवाब दिया है और ईवीएम में अनियमितता से जुड़ी खबर को गलत बताया है. चुनाव आयोग के आधिकारी ने कोर्ट को बताया कि कासरगोड में ईवीएम में अनियमितता की खबरें गलत और आधारहीन है. वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट में खबर की रिपोर्ट दिखायी थी कि मॉक ड्रिल के दौरान एक एक अतिरिक्त वोट भाजपा के पक्ष में पाया गया था.

इससे पहले वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े ने कहा कि अदालत इस चुनाव के लिए सुरक्षा उपायों पर विचार कर सकती है और अन्य मुद्दों पर बाद में विचार कर सकती है क्योंकि ऐसी याचिकाओं पर चुनाव के बहुत करीब निर्णय लिया जाता है, गिनती तुरंत की जाती है, जबकि इसके ऑडिट में समय लग सकता है, ऐसे में एक अलग ऑडिट होना चाहिए, जिससे गिनती प्रक्रिया में भी अधिक विश्वसनीयता आएगी. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के वकील मनिंदर सिंह से पूछा कि सबसे पहले आप बताएं कि मतदान की प्रक्रिया क्या है?

याचिकाएं सिर्फ आशंका हैं- चुनाव आयोग

एडवोकेट प्रशांत भूषण ने केरल के कासरगोड में मॉक ड्रिल के दौरान EVM में पाई गई अनियमितता का जिक्र किया. उन्होंने कोर्ट को बताया कि मॉक ड्रिल के दौरान एक एक अतिरिक्त वोट BJP के पक्ष में पाया गया था. जस्टिस खन्ना ने चुनाव आयोग से कहा कि पूरी प्रक्रिया बताएं कि वीवीपैट को कैसे कैलिब्रेट किया जाता है, किस चरण में उम्मीदवार प्रतिनिधि शामिल होते हैं. यह सुनिश्चित करने के लिए क्या तंत्र हैं कि कोई छेड़छाड़ न हो?

चुनाव आयोग ने कहा कि याचिकाएं सिर्फ आशंका हैं, और कुछ नहीं है. वीवीपैट सिर्फ एक प्रिटिंग मशीन है और सिंबल मशीन में अपलोड किए जाते हैं. जस्टिस खन्ना ने कहा कि आपने कहा कि वीवीपैट केवल एक प्रिंटर है. सिंबल का डेटा किस यूनिट में अपलोड किया जाता है? सुप्रीम कोर्ट में मौजूद ईसीआई अधिकारी ने डायस लेते हुए कहा कि मैं चुनाव योजना को देखता हूं. मैं जो भी कह रहा हूं अधिकारपूर्वक कह ​​रहा हूं. मतपत्र इकाई केवल बटन नंबर बताती है. 3 दबा दिया गया है. बटन इकाई उम्मीदवारों के लिए तय नहीं है. कंट्रोल यूनिट में कुछ भी लोड नहीं है. हर एक मशीन में बटन नंबर अलग होता है.

क्या कोई लॉकिंग मैकेनिज्म है? एससी ने पूछा

जस्टिस खन्ना ने पूछा कि ईसीआई द्वारा उपलब्ध कराया गया सॉफ्टवेयर, क्या कोई लॉकिंग मैकेनिज्म है? रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा उपयोग किया गया लैपटॉप सुरक्षित है? अधिकारी ने कहा जी हां. जस्टिस खन्ना ने पूछा कि क्या उस लैपटॉप का उपयोग करने पर कोई रोक है? अधिकारी ने कहा नहीं, लेकिन इसे अलग से रखा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा आपके पास कितनी वीवीपीएट मशीनें हैं? आधिकारी ने कहा कि करीब 17 लाख है.

एक मिनट में कितने वोट पड़ सकते हैं? एससी ने पूछा?

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि एक मिनट में कितने वोट पड़ सकते हैं? आयोग ने कहा कि एक वोट के लिए 15 सेकंड चाहिए, तो अधिकतम 4, लेकिन मानवीय हस्तक्षेप के कारण आंकड़ा प्रति मिनट 4 से भी कम है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा यह 4 से अधिक नहीं हो सकता? ईसीआई ने कहा नहीं. हमारे पास एक जिले में ईवीएम प्रदर्शन केंद्र भी हैं और कोई भी आकर मशीन के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकता है.

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