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मध्यप्रदेश

चार वेदर सिस्टम सक्रिय, ग्वालियर, रीवा समेत पांच संभागों में बौछारें पड़ने के आसार

भोपाल। वर्तमान में अलग-अलग स्थानों पर हवा के ऊपरी भाग में दो चक्रवात बने हुए हैं। इसके अलावा दो अन्य मौसम प्रणालियां भी सक्रिय हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वातावरण में नमी आने का सिलसिला बना रहने के कारण ग्वालियर, सागर, रीवा, जबलपुर, शहडोल संभाग के जिलों में मध्यम स्तर की बारिश होने की संभावना बनी हुई है।

शेष क्षेत्रों में बादल बने रहेंगे। साथ ही कहीं-कहीं हल्की बारिश भी हो सकती है। हालांकि अब मानसून द्रोणिका धीरे-धीरे ऊपर की तरफ खिसकने लगी है। इस वजह से दो दिन बाद मध्य प्रदेश में वर्षा की गतिविधियों में कमी आने के भी आसार दिख रहे हैं।

कहां, कितना बरसा पानी

उधर पिछले 24 घंटों के दौरान शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक रतलाम में 28, रीवा में 21.6, धार में 18.5, मलाजखंड में 18.4, दमोह में 18, खंडवा में 16, ग्वालियर में 13.3, सागर में 12, मंडला में 5.1, इंदौर में 4.9, सतना में 3.6, सिवनी में 2.8, नौगांव में दो, उमरिया में 1.8, गुना में 1.7, खजुराहो में 1.6, खरगोन में 1.2, उज्जैन में 0.8, बैतूल में 0.4, जबलपुर में 0.2 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई।

ये वेदर सिस्टम सक्रिय

मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक वर्तमान में दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात मजबूत स्थिति में बना हुआ है। एक अन्य चक्रवात उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर भी मौजूद है। इसके अतिरिक्त मानसून द्रोणिका बीकानेर, रोहतक, फतेहगढ़, कोंटई से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। दक्षिणी गुजरात से लेकर कर्नाटक तक अपतटीय द्रोणिका भी बनी हुई है।

आगे ऐसा रहेगा मौसम

मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि मध्य प्रदेश से लगे राजस्थान और उत्तर प्रदेश पर दो चक्रवात बने हुए हैं। इनके प्रभाव से ग्वालियर, सागर, रीवा, शहडोल, जबलपुर संभाग के जिलों में रुक-रुककर मध्यम स्तर की बारिश होने का सिलसिला बना रह सकता है।
बाकी क्षेत्रों में भी बादल बने रहेंगे। साथ ही कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। हालांकि अब मानसून द्रोणिका अब धीरे-धीरे हिमालय की तरफ खिसकने लगी है। इस वजह से दो दिन बाद प्रदेश में बारिश की गतिविधियों में कमी आने के आसार भी दिख रहे हैं।

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