मंदिरों पर धार्मिक नारे: अलीगढ़ में ‘I Love Muhammad’ लिखने पर बवाल, पुलिस ने संभाला मोर्चा

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ स्थित लोधा क्षेत्र में कुछ शरारती तत्वों ने हिंदू मंदिरों की दीवारों पर ‘आई लव मोहम्मद’ (I Love Muhammad) लिख दिया. यह लिखावट स्प्रे पेंट या चाक से की गई थी, जिससे स्थानीय हिंदू समुदाय में आक्रोश फैल गया. घटना ने सांप्रदायिक तनाव पैदा कर दिया, लेकिन पुलिस की तत्परता से स्थिति नियंत्रित रही.
जानकारी के मुताबिक, लोधा क्षेत्र के बुलाकी गड़ी गांव सहित आसपास कई मंदिरों पर 24 अक्टूबर 2025 की रात या सुबह-सुबह यह लिखावट की गई. मुख्य रूप से बुलाकी गड़ी के एक प्रमुख शिव मंदिर और हनुमान मंदिर पर बड़े-बड़े अक्षरों में ‘आई लव मोहम्मद’ लिखा गया. कुल 4-5 मंदिरों में यह सब लिखा गया. इस घटना को प्रोवोकेशन’ (उकसावा) बताया गया है, जो सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश का हिस्सा लगता है.
स्थानीय लोगों और संगठनों के अनुसार, यह माहौल बिगाड़ने और तनाव फैलाने का प्रयास था. यह ‘आई लव मोहम्मद’ कैंपेन का हिस्सा प्रतीत होता है, जो सितंबर-अक्टूबर 2025 से उत्तर प्रदेश के कई जिलों (बरेली, कानपुर, मुरादाबाद, फर्रुखाबाद आदि) में विवाद का कारण बन चुका है. इस कैंपेन में पोस्टर, बैनर या रंगोली के जरिए नारे लगाए जाते हैं, जिससे हिंसा भड़क चुकी है.
घटना की सूचना मिलते ही करणी सेना (Karni Sena) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ज्ञानेंद्र चौहान के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कार्यकर्ता बुलाकी गड़ी गांव पहुंचे. उन्होंने मंदिरों का निरीक्षण किया और स्थानीय हिंदू समुदाय के साथ मिलकर विरोध प्रदर्शन किया. करणी सेना ने आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी, सख्त कार्रवाई और मंदिरों की सुरक्षा की मांग की. गांव के हिंदू निवासियों ने इसे ‘धार्मिक अपमान’ बताया. कई महिलाओं और बुजुर्गों ने मंदिरों पर पहुंचकर भजन-कीर्तन किया और शांति अपील की. कुछ ग्रामीणों ने कहा कि यह ‘बाहरी शरारती तत्वों’ का काम है, न कि स्थानीय मुस्लिम समुदाय का.
पुलिस पर लगाया आरोप
थाना लोधा पुलिस ने तुरंत गांव पहुंचकर स्थानीय लोगों को समझाया. एसपी सिटी और क्षेत्राधिकारी (CO) की मौजूदगी में शांति समिति की बैठक बुलाई गई. पुलिस ने मंदिरों से लिखावट मिटाने का काम शुरू किया, लेकिन कुछ हिंदू कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस ने ‘आई लव मोहम्मद’ को जल्दबाजी में मिटा दिया, जिससे सबूत नष्ट हो गए.
2-3 स्पेशल टीमें गठित की गईं
वर्तमान में 2-3 स्पेशल टीमें गठित की गई हैं. सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल लोकेशन और आसपास के गांवों से पूछताछ के जरिए आरोपियों की तलाश जारी है. एसएसपी अलीगढ़ ने कहा- घटना गंभीर है, 48 घंटे में अनावरण होगा. कोई सांप्रदायिक रंग नहीं दिया जाएगा. उधर, करणी सेना और स्थानीय लोगों ने पुलिस पर ‘नरमी’ का आरोप लगाया. कहा गया कि लिखावट मिटाने से जांच प्रभावित हुई.
2 संदिग्धों की हुई पहचान
हालांकि, पुलिस ने स्पष्ट किया कि यह ‘सुरक्षा के लिए’ किया गया, ताकि तनाव न फैले. कोई एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, लेकिन IPC की धारा 153A (सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाना) और 295A (धार्मिक भावनाएं ठेस पहुंचाना) के तहत केस दर्ज करने की तैयारी है. गांव में पीएसी और आरआरएफ की टुकड़ियां तैनात की गईं. ड्रोन से निगरानी हो रही है. अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई, लेकिन पुलिस का दावा है कि 2 संदिग्धों की पहचान हो चुकी है (बाहरी व्यक्ति, नाम गोपनीय).
करणी सेना की चेतावनी
करणी सेना ने चेतावनी दी कि अगर 48 घंटे में कार्रवाई न हुई तो आंदोलन तेज होगा. स्थानीय मुस्लिम समुदाय ने शांति अपील की, कहा कि यह ‘कुछ शरारती तत्वों’ का काम है, न कि पूरे समुदाय का. इस पूरे मामले में डीएसपी संजीव तोमर का कहना है कि चार जगह आई लव मोहम्मद के स्लोगन पाए गए हैं और पुलिस द्वारा इनको शांति व्यवस्था के मध्य नजर इनको मितवा दिया गया है जो भी तहरीर प्राप्त होती है उसमें विधिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.






