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मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता से दूर हुआ कैलाश के जीवन का अंधियारा

जयपुर । एक हादसे में बिजली का करंट लगने से दोनों हाथ गंवाने वाले भीलवाड़ा जिले के श्रमिक युवक कैलाश भील के जीवन में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की संवेदनशीलता ने फिर से आशा की किरण जगाई है। जरडू का खेड़ा गांव निवासी कैलाश करीब 5 माह पूर्व मजदूरी के लिए गुजरात के भावनगर जिले में गया था। वहां बिजली का काम करते समय जोरदार करंट लगने से वह झुलस गया। चिकित्सकों के प्रयासों से उसकी जान तो बच गई लेकिन दोनों हाथ एवं पैर की अंगुली गंवानी पड़ी। बुजुर्ग पिता बालूराम भील, गर्भवती पत्नी, पुत्री एवं छोटे भाई के जीवनयापन का कैलाश एकमात्र सहारा है। इस हादसे से इस परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा और कैलाश का जीवन अंधकारमय हो गया।आसीन्द के एक जागरूक व्यक्ति श्री निर्मल मेहता ने मुख्यमंत्री निवास के जनसुनवाई अधिकारियों को उसकी पीड़ा के बारे में सूचना दी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पर मानवीय निर्णय लेते हुए तत्काल प्रभाव से उसके कृत्रिम हाथ नि:शुल्क लगाए जाने के निर्देश प्रदान किए। कैलाश को जयपुर बुलाकर भगवान महावीर विकलांग सहायता समिति के माध्यम से नि:शुल्क दाहिना कृत्रिम हाथ लगवाया गया। चिकित्सकीय सलाह के बाद उसके दूसरा कृि़त्रम हाथ लगाने के संबंध में निर्णय किया जाएगा। इस श्रमिक युवक की दयनीय आर्थिक स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री वैयक्तिक अनुदान कोष नियमों में शिथिलता प्रदान कर सहायता उपलब्ध कराने की अलग से कार्यवाही भी की जा रही है। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत देय समस्त परिलाभ कैलाश को दिलवाने के निर्देश भी दिए हैं। मुख्यमंत्री की इस संवेदनशीलता से इस जरूरतमंद परिवार को बड़ा संबल मिला है। भावुक हुए कैलाश ने कहा कि कृत्रिम हाथ लगने के बाद अब वह अपने रोजमर्रा के काम-काज खुद कर सकेगा। अब उसके जीवन में नई खुशियां लौट आई हैं। उसे उम्मीद नहीं थी कि जीवन में छाया अंधकार कभी दूर होगा, लेकिन मुख्यमंत्री गहलोत ने उसके जीवन को फिर से आशा की एक नई किरण दी है।

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