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आइएएस शुक्ला की नियुक्ति को चुनौती, एक बार फिर बढ़ी अंतिम सुनवाई

बिलासपुर: सेवानिवृत्त आइएएस आलोक शुक्ला की संविदा नियुक्ति के खिलाफ दायर जनहित याचिका की अंतिम सुनवाई की तिथि एक बार फिर 23 अगस्त तक बढ़ गई है। इस दिन जनहित याचिका की स्वीकार्यता पर बहस होगी। इस मामले में सभी पक्षों ने हाई कोर्ट में जवाब प्रस्तुत कर दिया है। शासन ने भी प्रकरण में संविदा नियुक्ति से संबंधित रिकार्ड पेश कर दिया है। अब इस मामले में अंतिम सुनवाई होनी है। इसके लिए लगातार दो से तीन बार सुनवाई टल गई है। मंगलवार को कोर्ट में मामला लगा था। लेकिन सुनवाई फिर से 23 अगस्त तक टाल दी गई।

मालूम हो कि रायपुर के भाजपा नेता रुस्तम भाटी ने सेवानिवृत्त आइएएस आलोक शुक्ला को प्रमुख सचिव के रूप में संविदा नियुक्ति देने के खिलाफ में हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। इसमें बताया गया है कि संविदा भर्ती नियम के तहत नियुक्ति के लिए पहले विज्ञापन जारी करने का प्रविधान है। इसी तरह जिस अफसर के खिलाफ आपराधिक प्रकरण लंबित है उन्हें संविदा नियुक्ति नहीं देने का भी नियम है।

आइएएस डा. शुक्ला नागरिक आपूर्ति में थे, तब उनके खिलाफ भी मामला सामने आया था और उन्हें आरोपित बनाया गया है। प्रकरण में प्रवर्तन निदेशालय की जांच जारी है। ऐसे में उन्हें संविदा नियुक्ति नहीं दी जा सकती। मार्च में इस मामले की सुनवाई के दौरान राज्य शसन व आलोक शुक्ला से छह सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था। बीते 15 जुलाई को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश प्रशांत मिश्रा व जस्टिस रजनी दुबे की युगलपीठ में सुनवाई के दौरान सभी पक्षों ने जवाब प्रस्तुत कर दिया है।

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