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मध्यप्रदेश

इंडियाज गाट टैलेंट की ट्राफी लेकर ईशिता ने कहा, मेरी मां तेजल और मां नर्मदा मेरी प्रगति के मूल आधार

जबलपुर।   इंडियाज गाट टैलेंट की ट्राफी लेकर मायानगरी मुंबई से गृहनगर संस्कारधानी जबलपुर पहुंची इशिता विश्वकर्मा का स्टेशन परिसर से घर तक स्वागत किया गया। जैसे ही छोटी लता के नाम से मशहूर इशिता ने ट्रेन के पायदान से पैर नीचे रखा, जबलपुर के प्रशंसकों ने गाजे-बाजे के साथ फूल-माला से उन्हें सराबोर कर दिया। इशिता को इशिता के गाये गाने सुनाकर यह एहसास कराया गया कि इशिता ने सिर्फ अपना व अपने परिवार का ही नहीं बल्कि समूचे जबलपुर का मान बढ़ाया है। मेयर-इन-काउंसिल के पूर्व सदस्य कमलेश अग्रवाल, अमित परनामी, गणेश स्वरूप बिरहा, नीरज निरंकारी, राज वर्मा, मानसिंह तोमर, पंकज सोलंकी, फरीद खान, जित्तू ठाकुर सहित अन्य ने रेलवे स्टेशन परिसर से इशिता को विंटेज कार में सवार किया। इशिता ने सबका अभिवादन किया। यह काफिला धीरे-धीरे रानीताल चौक पर इशिता के निवास तक पहुंचा। इस दौरान रास्ते में जगह-जगह अभिनंदन किया गया। पूरे रास्ते जबलपुर के कलाकारों का कारवां इशिता के साथ रहा। संस्कारधानी आर्टिस्ट आर्गनाइजेशन के कलाकारोंं व पूर्व एमआईसी सदस्य कमलेश अग्रवाल द्वारा स्वागत के बाद इशिता मीडिया से मुखातिब हुई। इस दौरान इशिता ने कहा, मेेरी मां तेजल विश्वकर्मा, जो स्वयं सुरीली सुरसाधिका हैं, वे ही मेरी सबसे पहली गीत-संगीत की गुरु हैं। वही मेरी स्टार-मेकर भी हैं। नर्मदा मैया का ही प्रताप रहा है कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के 25-30 साल के रियलिटी शोज के इतिहास में सबसे पहली ट्राफी सारेगमा से जबलपुर लाने का सौभाग्य मुझे मिला। यह दूसरा मौका है, जब इंडियाज गाट टैलेंट की ट्राफी भी लेकर मुंबई से लौटी हूं। मुझे सबसे बड़ी खुशी यह है कि मुझे जबलपुर की लाडली बिटिया बनने का सौभाग्य मिला।

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