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न्याय व्यवस्था पर बोले जस्टिस बोबडे, इंसाफ न जल्दबाजी में हो न ही देर से

गुवाहाटीः उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश एस ए बोबडे ने कहा है कि न्याय प्रदान करने की व्यवस्था में अनुचित जल्दबाजी या देरी नहीं होनी चाहिए। न्यायमूर्ति बोबडे ने शनिवार को यहां एक राष्ट्रीय सम्मेलन में कहा कि इसके बजाय न्याय वितरण तंत्र को उचित परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ‘त्वरित न्याय’ की अवधारणा दुनिया की सबसे खराब व्यवस्थाओं से जुड़ी हुई है लेकिन न्याय में देरी नहीं होनी चाहिए।

न्यायमूर्ति बोबडे ने कहा, ‘‘कोई भी व्यक्ति न्याय में देरी नहीं चाहता है लेकिन न्याय देने में समय लगता है और इसे सही परिप्रेक्ष्य में समझना चाहिए।” उन्होंने देश में जनसंख्या अनुपात के हिसाब से न्यायाधीशों की कम संख्या होने की तरफ भी इंगित किया जो प्रति दस लाख की जनसंख्या पर 20 न्यायाधीश है, जबकि अधिकांश देशों में प्रति 10 लाख लोगों पर 50 से 80 न्यायाधीश है।

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