ब्रेकिंग
हमास से हुआ सीजफायर, फिर क्यों गाजा में अभी भी हमले कर रहा इजराइल? क्रिएटर्स को बड़ी राहत! Reels के दीवानों के लिए आया नया फीचर, अब ये दिक्कत नहीं आएगी सामने वास्तु शास्त्र: भूलकर भी घर की छत पर न रखें ये 5 चीजें, हो सकते हैं कंगाल, तुरंत हटा दें। प्रदूषण से खुद को बचाएं! हवा का जहर न बिगाड़े आपका हाल, डेली रूटीन में शामिल करें ये 5 जरूरी आदतें गाजियाबाद में विकास की रफ्तार तेज! तीन सड़कों का होगा चौड़ीकरण, 40 मार्गों की मरम्मत से सुधरेगी ट्रै... छठ 2025: इन जिलों में बारिश बिगाड़ सकती है पूजा का रंग, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेटरों से छेड़छाड़ का मामला: इंदौर का लिस्टेड बदमाश है अकील, हैरान कर देगा ... जादू-टोना के शक में हैवानियत की हद पार! दो युवकों को रस्सियों से बांधकर पेड़ पर लटकाया और बेरहमी से ... झारखंड में दिल दहलाने वाली वारदात! रात को मेला देख लौट रही 11 साल की बच्ची से गैंगरेप, 4 दरिंदे गिरफ... यमुना में फिसले BJP विधायक रवि नेगी! AAP नेता सौरभ भारद्वाज का तंज- 'मां यमुना बहुत नाराज हैं
देश

अमेजन और फ्लिपकार्ट पर लगा आरोप, GST में चूना लगा सरकारी खजाने को पहुंचा रहीं नुकसान

नई दिल्लीः व्यापारियों के अखिल भारतीय संगठन कैट ने एक बार फिर ई-कॉमर्स कंपनियों पर निशाना साधा है। कैट ने इस बार खासतौर से अमेजन और फ्लिपकार्ट पर अपने ऑनलाइन पोर्टल पर की जा रही बिक्री में जीएसटी राजस्व के नुकसान का आरोप लगाया है और कहा है कि माल के वास्तविक बाज़ार मूल्य से काफी कम कीमत पर ये कंपनियां माल बेचकर सरकार को जीएसटी राजस्व का चूना लगा रही है।

सरकार को राजस्व का भारी नुकसान 
कैट ने इस संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को एक पत्र भेजकर इन कंपनियों की शिकायत की है और वित्त मंत्री से इनके कारोबारी तौर-तरीकों की जांच करने की मांग की है। कैट का आरोप है कि ये कंपनियां अपने पोर्टल के जरिए 10 फीसदी से लेकर 80 फीसदी की भारी छूट पर सामान बेचतीं हैं और घटे दाम पर ही सरकार को माल एवं सेवाकर (जीएसटी) का भुगतान भी करतीं हैं जिससे कि सरकार को राजस्व का भारी नुकसान पहुंचाया जा रहा है। कैट ने इसी तरह के पत्र केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को भी भेजे हैं।

कंपनियों पर लगे यह आरोप
व्यापारियों के संगठन कॉन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने वित्त मंत्री को भेजे पत्र में आरोप लगाया है कि दोनों ई-कॉमर्स कंपनियां लागत से भी काफी कम मूल्य पर माल बेचकर गहरी छूट दे रहीं हैं। इन कंपनियों की यह कारगुजारी सरकार की एफडीआई नीति के खिलाफ है। इसमें उत्पादों के मूल्य उनके वास्तविक बाजार मूल्य से काफी नीचे रखकर सरकार को जीएसटी दिया जा रहा है। जबकि सरकार को उत्पादों के वास्तविक बाज़ार मूल्य पर जीएसटी मिलना चाहिए।

कार्रवाई करने का किया आग्रह
कैट ने वित्त मंत्री से इन कंपनियों के कारोबारी मॉडल की जांच करने का आग्रह किया है। संगठन ने कहा है की यह जांच जब से देश में जीएसटी लागू किया गया है तब से होनी चाहिए। इस दौरान जितने भी मूल्य का माल इनके पोर्टल पर भारी छूट देकर बिका है उसके वास्तविक बाजार मूल्य के हिसाब से सरकार को जीएसटी लेना चाहिए। कैट ने कहा कि यदि यह व्यापार के सामान्य व्यवहार में दी जाने वाली छूट है, तो यह स्वीकार्य है लेकिन कीमतों को कृत्रिम रूप से कम करना और फिर उस पर जीएसटी लगाना एक ऐसा मामला है, जिस पर सरकार को तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। इस मामले में तुरंत कार्रवाई की जानी चाहिए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button