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सरकार ने बताया, आखिर क्यों हुई चंद्रयान-2 के ‘विक्रम’ की हार्ड लैंडिंग

नई दिल्ली: चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग के बाद इसरो का इससे संपर्क टूट गया था जिससे वैज्ञानिक काफी निराश हो गए थे। इस पर देश ही नहीं दुनियाभर के लोगों ने इसरो के वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया था और उनके काम की प्रशंसा की थी। वहीं अब सरकार ने बताया कि क्यों चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग हुई। पीएमओ में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए कहा कि चंद्रयान-2 के विक्रम की हार्ड लैंडिंग इसलिए हुई क्योंकि इसके अवरोहण (उतरने) के दौरान वेग तय पैरामीटर से मैच नहीं कर पाया।

स्पेस विभाग की जिम्मेदारी देख रहे जितेंद्र सिंह ने कहा कि पहले फेज का अवरोहण चांद से 30 से 7.4 किलोमीटर की दूरी पर किया गया और उस वक्त उसका वेग 1683 मीटर से घटकर 146 मीटर प्रति सेकंड हो गया था। उन्होंने बताया कि अवरोहण के दूसरे फेज के दौरान वेग का घटाव पहले डिजाइन वैल्यू से भी ज्यादा था। इस वजह से विक्रम 500 मीटर के दायरे में हार्ड लैंड हुआ।

जितेंद्र सिंह ने कहा कि हालांकि, टेक्नॉलजी के बाकी के कम्पोनेंट- लॉन्च, ऑर्बिटल क्रिटिकल मनुवर, लैंडर सेपरेशन, डी-बूस्ट और रफ ब्रेकिंग फेज सफलतापूर्वक रहे और इसका ऑर्बिटर अच्छे से काम कर रहा है और इसरो को चांद की तस्वीरें भी भेज रहा है। उन्होंने कहा कि सटीक लॉन्च और ऑर्बिटर की कुशलता के कारण ऑबिटर की लाइफ सात साल बढ़ गई है।

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