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एक छोटा सा पक्षी कैसे भारी प्लेन गिरा देता है? बंदूक की गोली से भी ज्यादा घातक

साउथ कोरिया में इस साल का अब तक का सबसे भयंकर विमान हादसा हाल ही में हुआ, जब जेजू एयरलाइंस का विमान बैंकॉक से उड़ान भरने के बाद मुआन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इमरजेंसी लैंडिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया. विमान का नियंत्रण खो गया, जिससे वह रनवे पर फिसलते हुए एयरपोर्ट की बाड़ से टकरा गया और आग लग गई.

इस हादसे में 181 यात्रियों में से केवल दो लोग ही बच पाए, जबकि बाकी 179 की मौत हो गई. हादसे से पहले, एयर ट्रैफिक कंट्रोल ने बर्ड स्ट्राइक का अलर्ट भेजा था, जो इस दुर्घटना का मुख्य कारण था. लेकिन बर्ड स्ट्राइक आखिर है क्या, और यह इतना खतरनाक क्यों होता है?

क्या होती है बर्डस्ट्राइक?

बर्ड स्ट्राइक वह स्थिति है जब विमान और कोई पक्षी हवा में टकराते हैं, जो आमतौर पर विमान के उड़ान भरने या लैंडिंग करते वक्त होता है. हालांकि ये छोटे-मोटे हादसे अक्सर होते हैं, लेकिन जब पक्षी विमान के इंजन, खिड़की या अन्य संवेदनशील हिस्सों से टकराते हैं, तो इससे बहुत गंभीर नुकसान हो सकता है.

बर्ड स्ट्राइक के कारण इंजन की खराबी या विमान के नियंत्रण खोने की घटनाएं, दुर्भाग्यवश, मौत का कारण बन सकती हैं, जैसे इस हादसे में हुआ. इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) के एक सर्वे के मुताबिक, पक्षी टकराने की 92 फीसदी घटनाओं में कोई नुकसान नहीं होता है.

पहला हादसा 119 साल पहले हुआ

दुनिया में पहली बार किसी विमान से पक्षी टकराने की घटना 1905 में सामने आई थी. इसे हवाई जहाज बनाने वाले ओरविल राइट यानी राइट ब्रदर्स में से एक भाई ने रिपोर्ट किया था. ओरविल जब खेत के ऊपर से फ्लाइट उड़ा रहे थे, तब पक्षियों के एक झुंड में वह फंस गए. इस दौरान एक चिड़िया उनके प्लेन से टकराई थी. वो पक्षी विमान के पंखे पर तब तक पड़ा रहा जब तक विमान को तेजी से टर्न नहीं कराया गया. एक अनुमान के मुताबिक हर साल दुनियाभर में बर्ड स्ट्राइक के 40 हजार से ज्यादा मामले सामने आते हैं.

हादसे की गंभीरता तय करते हैं 4 फैक्टर

क्या आपने कभी सोचा है कि एक पक्षी का विमान से टकराने पर कितनी भयानक ताकत पैदा होती है? एक रिपोर्ट के अनुसार, जब 1.8 किलो का पक्षी तेज रफ्तार से उड़ रहे विमान से टकराता है, तो इससे लगभग 3.5 लाख न्यूटन का फोर्स पैदा होता है.

इसे ऐसे समझिए अगर 0.365 मीटर की नली वाली बंदूक से 700 मीटर प्रति सेकंड की गति से एक 40 ग्राम की गोली छोड़ी जाती है, तो इससे 2,684 न्यूटन का फोर्स पैदा होता है. यानी, एक पक्षी का विमान से टकराना बंदूक की एक गोली से भी 130 गुना ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है!

एक बर्ड स्ट्राइक की गंभीरता चार प्रमुख फैक्टरों पर निर्भर करती है: पक्षी का वजन, उसका आकार, उड़ान की गति, और टकराने की दिशा. ABC साइंस की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 275 किलोमीटर की रफ्तार से उड़ रहे पक्षी का विमान से टकराना, जैसे 15 मीटर ऊंचाई से 100 किलो का बैग जमीन पर गिराना.

कब होते हैं सबसे ज्यादा हादसे?

एविएशन सेफ्टी की मानें तो सबसे ज्यादा विमान हादसे उड़ान के दौरान और फिर लैंडिंग के दौरान होते हैं. पिछले साल 109 दुर्घटनाएं हुई थीं, जिनमें से 37 उड़ान और 30 लैंडिंग के दौरान हुई थीं. भारत में भी विमानों से पक्षियों के टकराने की घटनाएं लगातार बढ़ रहीं हैं. पिछले साल दिसंबर में केंद्र सरकार ने बर्ड स्ट्राइ से जुड़े आंकड़े जारी किए थे. इसके मुताबिक, 2023 में विमानों से पक्षियों के टकराने की 1,143 घटनाएं सामने आई थीं. 2022 में भी इतनी ही घटनाएं हुई थीं. इससे पहले 2021 में 786 और 2020 में 658 मामले सामने आए थे.

बर्ड स्ट्राइक का खतरा कब बढ़ता है?

बर्ड स्ट्राइक का खतरा तब बढ़ जाता है जब एयरपोर्ट के आसपास पक्षियों की संख्या अधिक हो. अधिकांश एयरपोर्ट खुले इलाकों में स्थित होते हैं, और मानसून के दौरान पानी के गड्ढे बनने से कीड़े और अन्य छोटे जीव पैदा होते हैं, जो पक्षियों को आकर्षित करते हैं. इसके अलावा, ICAO (International Civil Aviation Organization) के मुताबिक, बर्ड स्ट्राइक के अधिकतर मामले जुलाई और अगस्त में होते हैं.

एयरपोर्ट के पास लैंडफिल या वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट होने से भी पक्षियों की संख्या बढ़ सकती है, क्योंकि इन स्थानों पर भोजन और आश्रय की सुविधाएं होती हैं. इन सभी कारणों से, बर्ड स्ट्राइक का जोखिम ज्यादा बढ़ जाता है, खासकर उन इलाकों में जहां पक्षियों का घना बसेरा हो.

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