सड़क के लिए सत्याग्रह पर बैठे 6 गांंवों के ग्रमीण, कहा 10 साल से कर रहे मांग

साईंखेड़ा। स्टेट हाईवे 44 पर स्थित कुईया तुमड़ा में गांधी जयंती के अवसर पर ग्रामीण सड़क की मांग को लेकर सत्याग्रह पर बैठ गए हैं। झिकोली घाट पर मां नर्मदा की पूजन के उपरांत धरने की शुरुआत हुई। इस धरने में सत्याग्रह उपवास में मेहरागांव की निर्विरोध सरपंच माया विश्वकर्मा, बलवान सिंह कस्तवार, विजय बहादुर राजपूत, नेपाल सिंह करवरीया पहले दिन धरने में बैठे।
इस मुहिम में 6 ग्राम पंचायत जिसमें तुमड़ा, मेहरागांव, मुआर, सिरसिरी-संदूक, निमावर, झिकोली और नौ गांवों जिसमें तुमड़ा-महेश्वर, मेहरागॉंव, मुआर, सिरसिरी-संदूक, निमावर, झिकोली-संसारखेड़ा की आबादी शामिल हैं। सभी ग्रामीणों की मांग है कि जल्द से जल्द 5.5 मीटर सीसी रोड बने ताकि भारी वाहनों के आने जाने से रोड को कोई नुकसान ना हो।
ग्रामीणों की यह समस्या
ग्रामीणों का कहना है कि वर्ष 2020 में सांसद, विधायक, कलेक्टर और मंत्रियों तक इस सड़क की मांग हुई थी लेकिन आज तक निर्माण नहीं हुआ। तूमड़ा तिगड्डा से मुआर तक 7 रेत खदानें है जो लगभग 40 करोड़ का राजस्व शासन को देती हैं उनसे प्रतिदिन लगभग 200 से 300 डंपर 50 से 60 टन वजन के चलते है। नरसिंहपुर, रायसेन, सागर एवं अन्य ज़िले के हज़ारों लोग प्रतिदिन मेहरागांव दूधी नदी से होते हुए पिपरिया नर्मदापुरम जाते हैं। मुआर नदी पर पुल भी बन चुका है जो दिसंबर तक तैयार भी हो जाएगा रोड बन जाने से इन गांव से आवागमन सुविधा जनक होगा और लोगों के छोटे छोटे व्यापार बढ़ेंगे।
10 साल से सड़क पर है गड्ढे
ग्रामीणों का कहना है कि बताया गया कि पिछले 10 वर्षों से हमारे क्षेत्र की सड़क पर गहरे गड्डे है। जिसकी न तो मरम्मत हुई न निर्माण हुआ है जिसके कारण निम्न असुविधा क्षेत्र वासियों को हो रही है।