अधिवक्ता के. परासरन की अध्यक्षता में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट गठित, सामने आया पहले सदस्य का नाम

नई दिल्ली। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट की स्थापना से संबंधित गजट नोटिफिकेशन को जारी कर दिया है। समाचार एजेंसी पीटीआइ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के हवाले से बताया है कि उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए नव गठित ट्रस्ट श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र का कार्यालय दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में होगा। अधिसूचना में कहा गया है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का पंजीकृत कार्यालय- आर-20, ग्रेटर कैलाश पार्ट-एक, नई दिल्ली-110048 (R-20, Greater Kailash Part -1, New Delhi, 110048) है। अधिसूचना में मंत्रालय की ओर से यह भी बताया गया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत उत्तर प्रदेश सरकार मस्जिद निर्माण के लिए सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ भूमि के आवंटन का पत्र जारी कर चुकी है।
#Ayodhya रामलला को मुकदमा जिताने वाले वरिष्ठ वकील के. परासरन की अध्यक्षता में हुआ श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन। ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य होंगे। 9 स्थाई और छह नामित सदस्य होंगे। यह ट्रस्ट अयोध्या में राम जन्म भूमि मंदिर का निर्माण कराएगा।@JagranNews
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा को बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राम मंदिर के निर्माण के लिए ट्रस्ट के गठन को अपनी मंजूरी दे दी है। वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि ट्रस्ट में दलित समुदाय के एक सदस्य समेत 15 मेंबर होंगे। PM मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत सरकार ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन का प्रस्ताव पारित कर दिया है। यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान श्रीराम की तीर्थस्थली पर भव्य और दिव्य राम मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर फैसले लेने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में बताया कि बुधवार की सुबह केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में राम मंदिर को लेकर महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। हमारी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के मुताबिक, श्रीराम जन्मस्थली पर भव्य मंदिर के निर्माण से जुड़े मसलों के लिए एक विशाल योजना तैयार की है। कानून के तहत 67.07 एकड़ जमीन उक्त ट्रस्ट को स्थानांतरित कर दी जाएगी जिसमें मुख्य भूमि का भीतरी और बाहरी आंगन शामिल है। प्रधानमंत्री ने बताया कि फैसले के तहत रामलला विराजमान की जमीन भी ट्रस्ट को ही दी जाएगी। शीर्ष अदालत के फैसले के तहत सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में पांच एकड़ जमीन दी जाएगी। केंद्र के इस फैसले पर यूपी सरकार ने भी अपनी मुहर लगा दी है।